समाजशास्त्र : मोबाइल ने रिश्तों को किया फेसबुक-व्हाट्सअप में कैद

Patankar Girls Collegeपाटणकर महाविद्यालय में समाजशास्त्र के अध्ययन में अनूठा प्रयोग
दुर्ग। शासकीय डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के स्नातकोत्तर समाजशास्त्र विभाग के द्वारा आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में छात्राओं ने ही विभिन्न विषयों पर अध्यापन कार्य किया। समाजशास्त्र के महत्वपूर्ण विषयों पर छात्राओं ने बड़े ही रोचक ढंग से विषयवस्तु की प्रस्तुति दी।  विभागाध्यक्ष डॉ. मोनिया राकेश ने बताया कि छात्राओं को प्रोत्साहित करने एवं व्यक्तित्व विकास की दृष्टि से उन्हें विभाग द्वारा विषय से संबंधित टॉपिक्स दिए गए थे जिन पर उन्हें लेक्चर देना था। छात्राओं ने उन विषय पर बड़ी गंभीरता से तैय्यारी की थी साथ ही उन्होनें पावर पाईंट का भी उपयोग कर व्याख्यान को रोचक बनाया। एम.ए. तृतीय सेमेस्टर की धनेश्वरी यादव ने मोबाईल अभिशाप या वरदान विषय की प्रस्तुति देते हुए कहा कि मोबाइल ने रिश्तों को व्हाटस्प में कैद कर रखा है। इससे रिश्तों में दूरियाँ बढ़ी है। धनेश्वरी के अनुसार सबसे ज्यादा नुकसान विद्याथिर्यों को हुआ है क्योंकि उनका बहुमूल्य समय मैसेज के आदान-प्रदान में ही निकल जाता है। मोबाईल से एक ओर जहाँ समय की बचत हुई है। सूचनाओं का आदान-प्रदान आसानी से हुआ है किन्तु इसकी उपयोग की मर्यादाओं का पालन न करने से यह अभिशाप बनते जा रहा है।
एम.ए. प्रथम सेमेस्टर की नीतू साहू ने महिला कमाण्डो की भूमिका की चर्चा की। उनके अनुसार महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में यह सफल प्रयोग है। इस तरह की योजनायें महिलाओं में आत्मविश्वास एवं सशक्त बनने का मार्ग प्रशस्त करती है। प्रथम सेमेस्टर के ही कु. भारती साहू ने स्वयं सहायता समूह की सफलताओं की चर्चा करते हुए इसे महिलाओं की आर्थिक आजादी के लिये मिल का पत्थर बताया। भारती के अनुसार स्वयं सहायता समूह ने आत्मनिर्भरता तो दी ही है साथ ही आर्थिक रूप से मदद की है।
एम.ए. तृतीय सेमेस्टर की कु. रंजिता ने बाल अपराध पर अपना व्याख्यान देते हुए बताया कि बाल अपराधों की संख्या में वृद्धि अशिक्षा तथा पाश्चात्य संस्कृति के कारण हुई है। जाने-अनजाने में अशिक्षा के कारण ही बाल अपराध होते है। तृतीय सेमेस्टर की कु. कल्याणी ने ग्रामीण समाज की समस्याओं और उनके समाधान पर प्रकाश डालते हुए विस्तृत चर्चा की तथा कहा कि विकास की बढ़ती गति में भी अंधविश्वास और अशिक्षा बाधक बन रही है जिसे जन-जागरूकता के माध्यम से दूर किया जा सकता है।
विद्याथिर्यों के प्रस्तुतिकरण में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. डी.सी. अग्रवाल तथा विभिन्न विषयों के विभागाध्यक्ष मौजूद थे। विद्याथिर्यों की प्रस्तुति की कड़ी में पूजा धु्रव, सुषमा यादव, दीपिका, अचर्ना पटेल, ज्योति, पिंकी, लक्ष्मी यादव, निखत, कु. निकिता, कु. प्राणांजली ने भी अपने विषयों पर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन दिनेश गायकवाड़ ने किया।

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