NAAC की नई ग्रेडिंग सिस्टम पर स्वरुपानंद महाविद्यालय में कार्यशाला
भिलाई। NAAC नैक की ग्रेडिंग प्रणाली में परिवर्तन किया गया है। मूल्यांकन की नवीन प्रणाली की जानकारी देते हुये स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में नैक एवं आईक्यूएसी सेल द्वारा प्राध्यापकों के लिये एक दिवसीय वर्कशॉॅप आॅन नो हॉऊस चैलेंज इन ग्रेडिंग सिस्टम विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये आईक्यूएसी सेल प्रभारी डॉ. ज्योति उपाध्याय स.प्रा. कम्पयूटर साइंस ने बताया नैक की मूल्यांकन प्रणाली में परिवर्तन आया है इन प्रणाली से परिचित होना अनिवार्य है जिसमें आने वाली नैक मूल्यांकन में महाविद्यालय श्रेष्ठ प्रदर्षन कर सके व अधिक से अधिक अंक अर्जित कर सके। नैक संयोजक स.प्रा. श्वेता दवे बायोटेक ने मूल्यांकन पद्धति की जानकारी देते हुये बताया पहले एसएसआर रिपोर्ट भेजने के बाद छ: माह का समय मिलना था लेकिन अब रिपोर्ट भेजने के बाद एक माह में ही टीम निरीक्षण के लिये आ जायेगी। नैक टीम द्वारा विद्यार्थियों से फोन एवं ई.मेल द्वारा संपर्क किया जायेगा इसके लिये महाविद्यालय को विद्यार्थियों की संख्या का तीस प्रतिशत विद्यार्थियों का फोन नं. व ई-मेल आईडी नैक को भेजना होगा। अनुदान राशि का आडिट पूर्ण होना चाहिये, रिसर्च पेपर स्पाईरल बाईडिंग होना चाहिये। मॉडल व टेस्ट का रिकॉर्ड देखा जायेगा। एलओआई की जगह आईएक्यूए सम्मिलीत होगा। नैक के सात बिंदुओं में से टीचिंग लर्निंग एज्यूकेशन में सबसे अधिक 300 पाईंट है इसमें सबसे अधिक अंक स्कोर करने का प्रयत्न किया जायेगा।
महाविद्यालय की प्राचार्य ने एकेडमी लीडरशिप क्वालिटी पर अपने मोटिवेशनल स्पीच में कहा नेतृत्व क्षमता को विकसित करने के लिये बडेÞ-बड़े उद्देश्यों की जरूरत नहीं होती छोटे-छोटे कार्यों द्वारा हम नेतृत्व कर सकते हैं। आपके द्वारा किया गया कार्य ही सबसे बड़ा उदाहरण है। नैक की तैयारी प्रारंभ करना है इस हेतु विविध सेल व विभाग के बीच तारतम्य बनाये रखने हेतु किये गये कार्य की समीक्षा हेतु प्रत्येक सप्ताह मीटिंग का आयोजन किया जाना चाहिये।
कार्यक्रम में मंच संचालन श्रीमती श्वेता दवे स.प्रा. बायोटेक व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ज्योति उपाध्याय स.प्रा. कम्पयूटर साइंस ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक सम्मिलित हुये।