20 साल तक बड़े शहरों में होने लगेंगी रोबोटिक सर्जरी : डॉ एमके वर्मा
एमजे कालेज आॅफ नर्सिंग में टेली मेडिसिन पर राष्ट्रीय स्तर का सेमीनार सम्पन्न
भिलाई। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एमके वर्मा ने आज कहा कि तकनीकी के विकास के साथ ही स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आ रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह रफ्तार कायम रही तो आने वाले 20 सालों में देश में टेली रोबोटिक सर्जरी भी संभव हो जाएगी। डॉ वर्मा यहां एमजे कालेज आॅफ नर्सिंग में टेली मेडिसिन पर सीजीकॉस्ट के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय स्तर के सेमीनार के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। डॉ वर्मा ने कहा कि टेली मेडिसिन को संभव बनाने के लिए उनके निर्देशन में भी शोध हो चुके हैं। उनका मानना है कि सूचना क्रांति ने आविष्कारों की गति को और तेज कर दिया है। आज हम अपने शोध से मिले डाटा को पलक झपकते उस समूह को उपलब्ध करा सकते हैं जो उसपर आगे काम कर रहे हैं। इसका लाभ चिकित्सा के क्षेत्र में भी मिल रहा है।
आरंभ में महाविद्यालय की निदेशक श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर ने मुख्य अतिथि का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। समापन सत्र को संबोधित करते हुए समन्वयक डेनियल तमिल सेलवन ने पूरे दिन हुए विभिन्न सत्रों का सारांश प्रस्तुत किया। एमजे कालेज आॅफ नर्सिंग की प्राचार्य श्रीमती कनम्मल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ कुबेर गुरुपंच, शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया, सेमीनार की को-चेयरपर्सन सीजी थॉमस,
इससे पूर्व सेमिनार के विभिन्न सत्रों को संबोधित करते हुए विषय विशेषज्ञों एवं स्रोत व्यक्तियों द्वारा टेली मेडिसिन के विभिन्न आयामों पर आलोकपात किया गया। प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए एलएनसीटी मेडिकल कालेज के प्रोफेसर डॉ एस विक्टर देवाशिर्वादम ने वर्चुअल वर्ल्ड में सम्पर्क की विभिन्न तकनीकियों की चर्चा की। इसी कालेज के प्रोफेसर डॉ जे कविता ने टेलीमेडिसिन को व्यावहारिक बनाने से जुड़े कानूनी प्रावधानों पर प्रकाश डाला। जीएमसी नागपुर के टेलीमेडिसिन के नोडल अधिकारी डॉ वृन्दा सहस्रभोजने ने टेलीहेल्थ ऐप के जरिए दूरस्थ रोगी की चिकित्सा एवं मॉनीटरिंग की संभावनाओं की चर्चा की।
भोजनोपरांत चौथे सत्र को संबोधित करते हुए शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय दुर्ग की प्रभारी प्राचार्य श्रीमती रीमा राजेश ने टेलीनर्सिंग पर सारगर्भित प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि इससे स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाया जा सकता है। राजनांदगांव शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर श्रीमती शाइनी साजू ने टेलीहेल्थ पर स्वास्थ्य प्रदाताओं के अनुभवों को साझा किया।
एमजे कालेज (फार्मेसी विभाग) के प्राचार्य डॉ टी कुमार ने प्रेस्क्रिप्शन की जांच से लेकर आवश्यक औषधियों की पहचान कर उन्हें उपलब्ध कराने की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि टेलीफार्मेसी एक नई विधा है तथा फिलहाल अपनी शैशवावस्था में है। पर इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने विभिन्न देशों में टेलीफार्मेसी की स्थिति का भी ब्यौरा दिया।