एमजे कालेज के विधिक साक्षरता कार्यक्रम में समझाया डायल 112 का सिस्टम
भिलाई। एमजे कालेज में आयोजित विधिक साक्षरता कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी द्वय हरीश माथुर एवं विवेक तिवारी ने डायल 112 के सिस्टम की जानकारी दी। डायल 112 सेवा छत्तीसगढ़ में सितम्बर 2018 में की गई थी। किसी भी तरह की सहायता प्राप्त करने के लिए अब यही एकमात्र हेल्प नम्बर है। एमजे ग्रुप आॅफ एजुकेशन की स्वाति गुलाटी ने अपनी आपबीती शेयर करते हुए बताया था कि कालेज आते समय एक दिन उन्होंने सड़क पर एक व्यक्ति को अचेत पड़ा देखा। उन्हें घेर कर भीड़ खड़ी थी पर कोई कुछ कर नहीं रहा था। तब उन्होंने अपनी गाड़ी रोकी और इधर उधर नजर दौड़ाई। उनकी नजर वहीं खड़ी एक पीसीआर वैन पर पड़ी। उन्होंने मदद मांगी तो वाहन के स्टाफ ने उन्हें 112 पर कॉल करने के लिए कहा। इसमें काफी वक्त लग गया और उन्हें कालेज पहुंचने में देर हो गई। एडीजे माथुर ने कहा कि सभी सेवाओं में भिन्न-भिन्न प्रकार के लोग मौजूद हैं। किसी एक के व्यवहार से पूरे विभाग की छवि नहीं बनानी चाहिए। हो सकता है कभी परेशानी हुई हो पर इसका मतलब यह नहीं है कि वह सेवा काम नहीं करती। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में पीसीआर वालों की जिम्मेदारी बनती थी कि वे एम्बुलेंस सेवा को कॉल कर घटना की जानकारी देते।
एडीजे तिवारी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि डायल 112 दरअसल एक केन्द्रीयकृत कंट्रोल रूम का नम्बर है। इस नम्बर पर कॉल करने से किसी वाहन विशेष को कॉल नहीं जाता बल्कि कंट्रोल रूम को जाता है। कंट्रोल रूम इसके बाद कॉल करने वाले के आसपास उपलब्ध पीसीआर वैन को सूचित करता है। वैन केवल कंट्रोल रूम के निर्देशों का ही पालन करता है।
एडीजे गरिमा शर्मा ने भी इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को विधिक सेवा से संबंधित सारगर्भित जानकारियां प्रदान कीं। कार्यक्रम का आयोजन जनसुनवाई फाउंडेशन के सहयोग से किया गया था। इस अवसर पर जनसुनवाई फाउंडेशन छत्तीसगढ़ के संयोजक संजय मिश्रा, एमजे कालेज की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर, प्राचार्य डॉ केएस गुरुपंच सहित स्टाफ एवं स्टूडेन्ट्स बड़ी संख्या में उपस्थित थे।