आरसीईटी में आप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स पर अल्प कालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न
भिलाई। कोहका-कुरूद रोड स्थित संतोष रूंगटा एजुकेशनल कैम्पस (आर-1) के रूंगटा कॉलेज आफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी (आरसीइटी) में ‘डेवलपमेंट आफ फोर्थ जनरेशन टेक्नालॉजी इन द फील्ड आफ आप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स’ विषय पर एक-दिवसीय शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग प्रोग्राम (एसटीटीपी) का आयोजन किया गया। छ.ग. स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय की टेकिप-3 स्कीम के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड टेलीकम्यूनिकेशन ब्रांच के फैकल्टी मेम्बर्स के लिये किये गये इस आयोजन में विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों के करीब 50 फैकल्टी मेम्बर्स शामिल हुए। सीएसवीटीयू के डीन कंप्यूटर साइंस व संतोष रूंगटा समूह के डायरेक्टर टेक्निकल डॉ. सौरभ रूंगटा ने कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताया कि फोर्थ जनरेशन पी.व्ही. टेक्नालॉजी के उपयोग, नोवल नैनो स्ट्रक्चर मटेरियल की जानकारी प्राप्त करना, सोलर रेडिएशन के उत्सर्जन पर अंकुश लगाकर इसके पुनरूपयोगी ऊर्जा के रूप में रूपांतरित करना इसके अलावा फोर्थ जनरेशन टेक्नालॉजीस के बारे में अध्ययन इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य था जिसके अंतर्गत सीएसवीटीयू से संबद्ध राज्य के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों के फैकल्टी मेम्बर्स के लिये यह आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के पहले सेशन में रिसोर्स पर्सन के रूप में उपस्थित पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के प्रोफेसर डॉ. संजय तिवारी ने अपने व्याख्यान में बताया कि सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में आॅप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आॅप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच इलेक्ट्रॉनिक्स तथा फिजिक्स की इंटीग्रेटेड ब्रांच है जिसमें मुख्य रूप से हाडर्वेयर की थ्योरी, डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग तथा आॅपरेशन संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी का अध्ययन किया जाता है। आॅप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट्स मुख्यत: फोटो सेल, सोलर सेल, आॅप्टिकल कपलर, एलईडी तथा लेजर डायोड आदि होते हैं। इन डिवाइसेस का उपयोग मिलिट्री सविर्सेस, टेलीकम्यूनिकेशन, आॅटोमेटिक एक्सेस कंट्रोल सिस्टम तथा मेडिकल इक्विपमेंट्स आदि में प्रमुखता से किया जाता है। डॉ. तिवारी ने आॅप्टिकल कम्यूनिकेशन के लाभ बताते हुए कहा कि इसका बैण्ड विड्थ ज्यादा होती है तथा इंटरफीयरेंस कम होता है। इस वजह से ज्यादा से ज्यादा कम्यूनिकेशन सिग्नल्स एक-साथ अधिक प्रभावी ढंग से भेजे जा सकते हैं। उन्होंने आॅप्टिकल डिवाइसेस के क्षेत्र में हो रही नवीनतम खोजों के बारे में भी बताया। दूसरे सेशन के रिसोर्स पर्सन कलिंगा यूनिवर्सिटी, रायपुर के प्रोफेसर डॉ. आर.पी. पटेल थे जिन्होंने आॅप्टिकल मटेरियल्स के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
मौके पर संतोष रूंगटा समूह के डायरेक्टर वाय.एम. गुप्ता, वाइस-प्रिंसिपल प्रो. श्रीकांत बुर्जे, इटीएण्डटी विभाग के हेड डॉ. पंकज मिश्रा, प्रोग्राम कोडिर्नेटर कमल सोलंकी तथा फैकल्टी मेम्बर्स आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन कॉलेज की फैकल्टी मेम्बर नम्रता वर्मा ने किया।