विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘वायु प्रदूषण का बढ़ता प्रकोप’ पर परिचर्चा का आयोजन

भिलाई। स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर लोगों में जागरुकता उत्पन्न करने के उद्देष्य से वायु प्रदूषण का बढ़ता प्रकोप विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। यह आयोजन आई.क्यू.ए.सी. एवं ग्रीन आडिट कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। डॉ. निहारिका देवांगन ने कहा वायु प्रदूषण को रोकने का प्रयास हम स्वयं कर सकते है। घर के कचरे को नहीं जलाना चाहिए। अगरबत्ती का उपयोग नहीं करना चाहिए इससे वायु प्रदूषण को व्यक्तिगत रुप से रोका जा सकता है।भिलाई। स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर लोगों में जागरुकता उत्पन्न करने के उद्देष्य से वायु प्रदूषण का बढ़ता प्रकोप विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। यह आयोजन आई.क्यू.ए.सी. एवं ग्रीन आडिट कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। डॉ. निहारिका देवांगन ने कहा वायु प्रदूषण को रोकने का प्रयास हम स्वयं कर सकते है। घर के कचरे को नहीं जलाना चाहिए। अगरबत्ती का उपयोग नहीं करना चाहिए इससे वायु प्रदूषण को व्यक्तिगत रुप से रोका जा सकता है।प्राचार्य डॉ.हंसा शुक्ला ने कहा प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सघन वृक्षारोपण आवश्यक है। पहले लोग नीम, बरगद पीपल का पेड़ लगाते थे पर अब लोग घर की नींव खराब हो जायेगी इस भ्रम से इन पेड़ो को घर में नहीं लगाते है। उन्होंने संकल्प लेने का आव्हान किया कम से कम महिने में एक दिन हम बिना गाड़ी के अपने कार्यालय तक पहुँचे जिनका घर दूर है वे पब्लिक ट्रान्सपोर्ट का उपयोग कर सकते है।
स.प्रा. मनोज पाण्डेय ने कहा मच्छर भगाने के लिये अगर बत्ती या कैमिकल का प्रयोग करते है इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है इससे अच्छा मच्छरदानी का प्रयोग करें। स.प्रा. जिगर भावसार ने कहा गाड़ियों का प्रयोग कम से कम करना चाहिये। आसपास की जगह में पैदल ही जाया जा सकता है।
डॉ. सावित्री शर्मा ने बताया प्रदूषण नियंत्रण हेतु अरेका, स्नेक, एलोवेरा आदि वृक्षों को लगाना चाहिए। डॉ. स्वाती पाण्डेय ने बताया एसी के अधिक उपयोग से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती है। पेड़ लगाते समय उन्होंने औषधियॉं महत्व के पौधे लगाने की बात कहीं।
डॉ.अजीता सजीत ने कहा विद्यार्थियों के लिये वृक्ष लगाना अनिवार्य करना चाहिये उन्होनें बताया की फिलिफिन में तब तक डिग्री नही दी जाती जब तक विद्यार्थी दो पौधा लगाकर उन्हें संरक्षित न कर ले इस अभ्यास को भारत में भी अनिवार्य करना चाहिए।
स.प्रा. श्वेता दवे ने कहा वृक्ष लगाते समय कौन सा वृक्ष लगा रहे है उनका भी ध्यान रखना चाहिए। छातीन के वृक्ष से अस्थमा की बीमारी होती है लेकिन आज यह वृक्ष बहुतायत मात्र में लगाये जा रहे है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारण है।
स.प्रा. दीपक सिंह ने कहा सब्जी, राषन या आसपास की खरीददारी पैदल करनी चाहिए इससे गाड़ियों का उपयोग नहीं होगा और प्रदूषण कम होगा।
स.प्रा. श्री सुनील सिंह ने प्लास्टिक व पोलीथीन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही हाईब्रिड एनर्जी का उपयोग कर हम प्रदूषण को कम कर सकते है।
कार्यक्रम में स.प्रा. सुनीता वर्मा, स.प्रा. जिगर भावसार, स.प्रा. सुनील सिंग, आदि ने परिचर्चा में भाग लिया व वायु को प्रदूशित होने से बचाने का संकल्प लिया व कहा हम लोगों में चेतना विकसित करने का प्रयास करेंगे। पी.ओ.सी. (वोलाटाइल कम्पाउण्ड) वाले प्रोडक्ट ही उपयोग करे, सघन वृक्षारोपण करें, ताकि हम आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पर्यावरण दे पाये। जिससे वे स्वस्थ व उन्मुक्त जीवन जी सकें।

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