कल्याण महाविद्यालय के राजनीति विभाग द्वारा नई शिक्षा नीति पर परिचर्चा

भिलाई। कल्याण महाविद्यालय के राजनीति विभाग द्वारा यू.जी.सी. के निर्देश पर नयी शिक्षा नीति 2019 पर परिचर्चा आयोजित की गई। परिचर्चा का संचालन राजनीति विभाग की प्राध्यापिका डॉ. विभा सिंह और डॉ. मणी मेखला शुक्ला द्वारा किया गया। डॉ.विभा सिंह ने नयी शिक्षा नीति पर अपने विचार रखते हुए कहा कि, शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के योग्यतानुसार रोजगारोन्मुखी कार्य भी कराने चाहिए, जिससे छात्र स्वरोजगार र्प्राप्त कर सकें । शिक्षा में शोध के प्रति रूझान को बढ़ाने की बात कही गई।भिलाई। कल्याण महाविद्यालय के राजनीति विभाग द्वारा यू.जी.सी. के निर्देश पर नयी शिक्षा नीति 2019 पर परिचर्चा आयोजित की गई। परिचर्चा का संचालन राजनीति विभाग की प्राध्यापिका डॉ. विभा सिंह और डॉ. मणी मेखला शुक्ला द्वारा किया गया। डॉ.विभा सिंह ने नयी शिक्षा नीति पर अपने विचार रखते हुए कहा कि, शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के योग्यतानुसार रोजगारोन्मुखी कार्य भी कराने चाहिए, जिससे छात्र स्वरोजगार र्प्राप्त कर सकें । शिक्षा में शोध के प्रति रूझान को बढ़ाने की बात कही गई।अथर्शास्त्र के प्रध्यापक डॉ.लखन चौधरी ने कहा पूरे देश में एक तरह की शिक्षा नीति लागू की जानी चाहिए ताकि एक तरह के शिक्षित छात्र निकल सकें। शिक्षा को समवर्र्ती सूची से हटाकर केन्द्र की सूची में रखा जाना चाहिए। शिक्षा की गुणवत्ता में पर्याप्त सुधार किया जाना चाहिए।
समाजशास्त्र के प्राध्यापक डॉ.के.एन.दिनेश शिक्षा को तार्किक, वैज्ञानिक समकालीन और गुणवत्ता पूर्ण पाठ्यक्रम से जोड?ा चाहिए। इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ.एन.एस.पटेल ने कहा कि, मूल्यांकन पद्धति में सुधार होना चाहिए, छात्रों को पुस्तक पढ?े हेतु प्रेरित किया जाना चाहिए, नये शिक्षकों की नियुक्ति एवं एक अ’छी शिक्षा नीति बनानी चाहिए।
हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ.सुधीर शर्मा ने कहा कि, प्राथमिक स्तर पर शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होनी चाहिए। अंग्रेजी विभाग के प्राध्यापक डॉ.अनुराग पाण्डेय ने कहा, प्रारंभिक स्तर से ही शिक्षा को दुरूस्त किया जाना चाहिए। शिक्षा संकाय के प्राध्यापक डॉ.रामा यादव ने कहा कि, शारीरिक सामाजिक, नैतिक विकास होना आवश्यक है, शिक्षा में नये-नये प्रयोग से शिक्षा नीति तीव्रता से विकसित नहीं हो पा रही है। हिन्दी विभाग के प्राध्यापक डॉ.अंजन कुमार ने कहा कि, तीन टाइप के विश्वविद्यालय एवं कॉलेज बनाने का निर्णय लिया गया है।
डॉ.मणि मेखला शुक्ला ने कहा, उदार शिक्षा नीति की अवधारणा लागू, अब बहु अनुशासनात्मक शिक्षा नीति लागू किया जा रहा है। एनआरएफ राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान की स्थापना की जा रही है। विदेश के 200 विश्वविद्यालय को हिन्दुस्तान में अपनी संस्थायें बोलने की अनुमति दी जा रही है। स्वायत किया जा रहा है यह विद्यालयों को जिससे शिक्षा कॉर्पोरेट सेक्टर के हाथ में चला जायेगा।

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