कोई भी स्किल्ड व्यक्ति कभी बेरोजगार नहीं रहता : मनीष गुप्ता

भिलाई। बीएसबीके के निदेशक मनीष गुप्ता का मानना है कि कई भी स्किल्ड व्यक्ति कभी बेरोजगार नहीं रहता। कौशल विकास मात्र एक सर्टीफिकेट न रहे बल्कि यह युवाओं की रोजगार संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति भी करे। तभी युवा इन कार्यक्रमों में रूचि लेंगे। उन्होंने विभिन्न स्त्रोतों से फंडिंग हेतु स्टार्टअप के प्रतिवेदन एवं उनके प्रजेंटेशन पर भी जोर दिया। श्री गुप्ता भिलाई महिला महाविद्मालय के आईक्यूएसी सेल द्वारा शैक्षणिक स्टाफ के लिए आयोजित इंटरएक्टिव सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समय के साथ परिवर्तन आवश्यक हैं।भिलाई। बीएसबीके के प्रबंध निदेशक मनीष गुप्ता का मानना है कि कई भी स्किल्ड व्यक्ति कभी बेरोजगार नहीं रहता। कौशल विकास मात्र एक सर्टीफिकेट न रहे बल्कि यह युवाओं की रोजगार संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति भी करे। तभी युवा इन कार्यक्रमों में रूचि लेंगे। उन्होंने विभिन्न स्त्रोतों से फंडिंग हेतु स्टार्टअप के प्रतिवेदन एवं उनके प्रजेंटेशन पर भी जोर दिया। श्री गुप्ता भिलाई महिला महाविद्मालय के आईक्यूएसी सेल द्वारा शैक्षणिक स्टाफ के लिए आयोजित इंटरएक्टिव सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समय के साथ परिवर्तन आवश्यक हैं। भिलाई। बीएसबीके के निदेशक मनीष गुप्ता का मानना है कि कई भी स्किल्ड व्यक्ति कभी बेरोजगार नहीं रहता। कौशल विकास मात्र एक सर्टीफिकेट न रहे बल्कि यह युवाओं की रोजगार संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति भी करे। तभी युवा इन कार्यक्रमों में रूचि लेंगे। उन्होंने विभिन्न स्त्रोतों से फंडिंग हेतु स्टार्टअप के प्रतिवेदन एवं उनके प्रजेंटेशन पर भी जोर दिया। श्री गुप्ता भिलाई महिला महाविद्मालय के आईक्यूएसी सेल द्वारा शैक्षणिक स्टाफ के लिए आयोजित इंटरएक्टिव सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समय के साथ परिवर्तन आवश्यक हैं।परिवर्तन अचानक होगा नहीं, अत: इसे क्रमश: अमल में लाना होगा। हमें पाठ्यक्रम की विषयवस्तु को ई-लर्निंग योग्य बनाना होगा। उन्होंने इंडस्ट्री विजिट्स कर वहां रोजगार के अवसरों की तलाश करें।
भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट के सचिव सुरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि ई लर्निंग और एडवांस लर्निंग टेक्नीक्स को दृष्टिगत रखते हुए प्रथम चरण में स्मार्ट क्लास रूम तैयार कर चुके हैं। भविष्य में इनकी संख्या में परिवर्धन होगा।
आरंभ में महाविद्मालय की आईक्यूएसी प्रभारी डॉ. संध्या मदन मोहन ने अतिथियों का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा और शिक्षण विधियां वर्तमान अवश्यकताओं के अनुरूप होना चाहिए। हमें आवश्यकताओं का आकलन कर उसके अनुरूप ही पाठ्यक्रम एवं शिक्षण विधियों को प्रोन्नत करना चाहिए। उन्होेंने अधिक से अधिक स्मार्ट क्लास रूम्स की स्थापना पर जोर दिया।
प्राध्यापकों ने बताया कि क्रमश: परिवर्तन की दिशा में हम अपना कदम बढ़ा चुके हैं और कौशल विकास के अनेक कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं। फाइनेंस, बीमा, शासकीय व निजी कंपनियों के साथ एमओयू किया जा रहा है ताकि स्नातक एवं स्नातकोत्तर के पश्च़ात छात्राओं को रोजगार मिल सके। महाविद्यालय कैम्पस सलेक्शन के लिए प्रयासरत है। पूर्व वर्षों में इन कैम्पस और आॅफ कैंपस से काफी सलेक्शन हो चुके हैं।
प्राचार्या डॉ. जेहरा हसन ने इस सत्र में संचालित किए जाने वाले सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और पोस्ट ग्रेजुऐट डिप्लोमा के विषय में सारगर्भित जानकारी दी। विचारमंथन में सभी फैकल्टी मेम्बर्स ने अपनी भागीदारी दी।

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