ब्रह्माकुमारीज चला रहे किसानों के सशक्तिकरण का अभियान

भिलाई। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय एवं इसकी सहयोगी संस्था राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा संपूर्ण छत्तीसगढ़ के गांवों में किसान सशक्तिकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत भिलाई के जामुल और खेदामारा गांव में किसान सशक्तिकरण रथ पहुंचा जिसमें अभियान के सदस्य गुजरात, कच्छ से आए ब्रम्हाकुमार गिरीश भाई ने अभियान के बारे में संबोधित करते हुए कहा कि पहले भारत को सोने की चिड़िया कहकर संबोधित किया जाता था। भिलाई। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय एवं इसकी सहयोगी संस्था राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा संपूर्ण छत्तीसगढ़ के गांवों में किसान सशक्तिकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत भिलाई के जामुल और खेदामारा गांव में किसान सशक्तिकरण रथ पहुंचा जिसमें अभियान के सदस्य गुजरात, कच्छ से आए ब्रम्हाकुमार गिरीश भाई ने अभियान के बारे में संबोधित करते हुए कहा कि पहले भारत को सोने की चिड़िया कहकर संबोधित किया जाता था।
भिलाई। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय एवं इसकी सहयोगी संस्था राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा संपूर्ण छत्तीसगढ़ के गांवों में किसान सशक्तिकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत भिलाई के जामुल और खेदामारा गांव में किसान सशक्तिकरण रथ पहुंचा जिसमें अभियान के सदस्य गुजरात, कच्छ से आए ब्रम्हाकुमार गिरीश भाई ने अभियान के बारे में संबोधित करते हुए कहा कि पहले भारत को सोने की चिड़िया कहकर संबोधित किया जाता था। गिरीश भाई ने कहा कि यहां के मनुष्य संपूर्ण संपन्न और सुखी थे। इनका गायन था मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती। वही धरती आज अत्याधिक रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग से बीमार हो गई है। बीमारियां बढ़ती जा रही है क्योंकि हम जहर खा रहे हैं आज विदेश वाले गोमूत्र और गाय के गोबर से दवाई बनाकर उसका सेवन कर स्वस्थ रह रहे हैं और भारत से सारा गोमूत्र ले जा रहे हैं और अपना सारा विदेशी कचरा भारत को बेच रहे है बीमारी हमारे गांव में पहुंचे उससे पहले हमें परिवर्तन होकर शाश्वत योगिक खेती राजयोग से खेती अर्थात शुभ संकल्पों और खेती को जोड़ना होगा और पुन: भारत को सोने की चिड़िया देश के किसानों द्वारा ही बनाया जा सकता है क्योंकि किसान अपनी मेहनत से धरती मां की गोद से जो अनाज उत्पादित करता है उसे सारा भारत अमीर गरीब सब खा रहे हैं इसीलिए स्वस्थ भारत स्वच्छ भारत के निर्माण की अलख गांव से ही जगाई जा सकती हैं इस कार्यक्रम में स्कूल के बच्चे गांव की महिलाएं किसान भाई तथा मुख्य रूप से हाउसिंग बोर्ड सेवा संचालिका ब्रम्हाकुमारी वर्षा बहन ,शिवकुमारी बहन, संगीता निर्मलकर, मंजू पाठक, आरती बहन, मनीषा बहन एवं ग्राम वासी उपस्थित थे। इस रथ में सुन्दर योगिक कृषि एवं नशामुक्ति चित्र प्रदशर्नी को सभी गाँव के सदस्यों और बच्चों को समझाया जा रहा है। किसान सशक्तिकरण अभियान यात्रियों का सम्मान एवं समापन 22 सितंबर को पीस आॅडिटोरियम सेक्टर 7 में किया जाएगा जिसके पश्चात सभी गांव के सेवाओं की फीडबैक संबंधित संगोष्ठी भी होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *