हमारी दिनचर्या ही मधुमेह से बचाव का सर्वोत्तम तरीका है : डॉ शिवेन्द्र श्रीवास्तव

मधुमेह दिवस पर स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी का गर्ल्स कॉलेज में जागरूकता कार्यक्रमDiabetes Day Awareness by Sparsh Multispeciality

दुर्ग। शास. डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग में यूथ रेडक्रॉस के तत्वाधान में स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के सहयोग से विश्व मधुमेह दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मधुमेह के संबंध में सारगर्भित जानकारी से अवगत कराने डॉ. शिवेन्द्र बहादुर श्रीवास्तव का व्याख्यान आयोजित किया गया। डॉ श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा कि हमारी दिनचर्या ही मधुमेह से बचाव का सर्वोत्तम तरीका है। दुर्ग। शास. डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग में यूथ रेडक्रॉस के तत्वाधान में स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के सहयोग से विश्व मधुमेह दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मधुमेह के संबंध में सारगर्भित जानकारी से अवगत कराने डॉ. शिवेन्द्र बहादुर श्रीवास्तव का व्याख्यान आयोजित किया गया। डॉ श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा कि हमारी दिनचर्या ही मधुमेह से बचाव का सर्वोत्तम तरीका है।यूथ रेडक्रॉस प्रभारी डॉ. रेशमा लाकेश ने बताया कि मधुमेह के संबंध में अपना उद्बोधन देते हुए डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि भारत में सर्वाधिक मधुमेह के पीड़ित है तथा प्रदेश में दुर्ग-भिलाई में सर्वाधिक मधुमेह के रोगी है। उन्होंने छात्राओं को मधुमेह के लक्षणों तथा उससे प्रभावित होने वाले अंगों के संबंध में वैज्ञानिक तथ्यों सहित महत्वपूर्ण जानकारी दी। शरीर के विभिन्न अंग हार्मोंस के द्वारा प्रभावित होते है। मधुमेह में भी इसकी अधिकता आँख, किडनी, हृदय को सर्वाधिक प्रभावित करती है। इसके बचाव के लिये हमारी दिनचर्या का नियन्त्रण ही श्रेष्ठ उपाय है। उन्होंने कहा कि मधुमेह होते ही सलाहकारों की बाढ़ आ जाती है। विभिन्न प्रकार के नुस्खों से हम दिगभ्रमित हो जाते है और बीमारी कम होने की बजाय बढ़ती जाती है। हमारा आलस्य और लापरवाही मधुमेह को जन्म देती है। डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि खाना मना नहीं है बल्कि खाने पर नियंत्रण जरूरी है।
 दुर्ग। शास. डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग में यूथ रेडक्रॉस के तत्वाधान में स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के सहयोग से विश्व मधुमेह दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मधुमेह के संबंध में सारगर्भित जानकारी से अवगत कराने डॉ. शिवेन्द्र बहादुर श्रीवास्तव का व्याख्यान आयोजित किया गया। डॉ श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा कि हमारी दिनचर्या ही मधुमेह से बचाव का सर्वोत्तम तरीका है।महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि दिनचर्या के नियंत्रित होने से मधुमेह भी स्वभाविक तौर पर नियंत्रित हो जाता है। स्पर्श हॉस्पिटल के अधिकारी अनुभव जैन ने भी हॉस्पिटल में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं एवं योजनाओं की जानकारी दी।
इस अवसर पर छात्राओं ने विभिन्न प्रश्नों के माध्यम से अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया। संगोष्ठी का संचालन डॉ. रेशमा लाकेश ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक, कर्मचारी एवं छात्रायें बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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