बराबरी के लिए मची है पुरुषों के विकारों को अपनाने की होड़ : राजकुमार शर्मा

माइलस्टोन अकादमी के वार्षिकोत्सव ‘जेस्ट-2019’ के अंतिम दिन बोले वरिष्ठ शिक्षाविद

Milestone Academy Annual Fest Zestभिलाई। वरिष्ठ शिक्षाविद तथा श्रीशंकराचार्य विद्यालय के पूर्व प्राचार्य राजकुमार शर्मा ने कहा कि आज बराबरी के नाम पर महिलाएं पुरुषों के विकारों को अपना रही हैं। इससे स्थिति और बिगड़ेगी। स्त्री और पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं जिसे बदला नहीं जा सकता। हालांकि इससे कोई इंकार नहीं है कि दोनों को समान अवसर और अधिकार मिलने चाहिए ताकि वे स्वयं का मनचाहा विकास कर सकें। यह एक गंभीर विषय है जिसपर पूरे समाज को चिंतन करना चाहिए।  Milestone Academy Zest-2019श्री शर्मा यहां माइलस्टोन अकादमी के वार्षिकोत्सव ‘जेस्ट-2019’ के चौथे एवं अंतिम दिन के समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। Milestone-Gender-Equality2उन्होंने बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास के प्रति माइलस्टोन की निदेशक डॉ ममता शुक्ला की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए कहा कि उनके हाथों में बच्चों का भविष्य सुरक्षित है।
वरिष्ठ शिक्षाविद ने कहा कि बच्चों की शिक्षा थोड़ी स्कूल में और थोड़ी घर पर होती है। दोनों को ही अपने आचरण से बच्चों का आदर्श बनने का प्रयास करना चाहिए। एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक बार उनके स्कूल की एक छात्रा ने उनसे शिकायत की कि स्कूल के बाहर खड़ा एक पालक उसे छेड़ता है। यदि हमारा आचरण ऐसा होगा तो हम बच्चों को सही संस्कार नहीं दे पाएंगे।
इससे पहले शाला की निदेशक डॉ ममता शुक्ला ने मुख्य अतिथि का परिचय देते हुए शिक्षा जगत को उनके अवदान की चर्चा की। उन्होंने ‘पैरेन्टिंग’ की समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि स्कूलों के पास अपनी सीमाएं हैं, पैरेन्ट्स के पास वक्त नहीं है। ऐसे में बच्चे बिना अभिभावक के बड़े हो रहे हैं। उनके पास सूचनाओं के और भी स्रोत हैं। यदि हमने ध्यान नहीं रखा तो अनर्थ हो सकता है।
डॉ शुक्ला ने कहा कि अपेक्षाओं पर अपने परिवार की खुशी की बलि न दें। बच्चों को अपनी अपेक्षाओं के बोझ के नीचे न कुचलें। उन्हें स्वाभाविक जीवन जीने दें। अपने आचरण से उन्हें प्रेरित करें। परिवार खुश रहेगा तो बच्चे भी सफलता की चोटी तक का सफर कर पाएंगे। परीक्षा में प्राप्त अंकों पर बहुत ज्यादा जोर न देने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि यह बदलता रहता है। थोड़े अंक कम आ जाने से किसी का भविष्य खराब नहीं हो जाता।
उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की खूबसूरती के लिए टीचर्स, पैरेन्ट्स एवं बच्चों के अथक प्रयासों को श्रेय देते हुए कहा कि इसे जीवन में श्रेष्ठ करने के उत्साह के रूप में देखा जाना चाहिए। इस दौरान इन सभी ने मिलकर एक टीम की तरह काम किया। उन्हें बेंगलुरू से इस कार्यक्रम का निर्देशन कर रही स्कूल की अकादमिक निदेशक शुभम शुक्ला ‘कुहू’ के प्रयासों की सराहना की एवं ‘ब्रेनबो’ के सदस्य मनु श्रीवास्तव, राकेश दत्त एवं अनिर्बान बसाक को धन्यवाद दिया जिनके सहयोग से लैंगिक समानता थीम पर आधारित यह कार्यक्रम सफल हुआ।
समारोह को संबोधित करते हुए कुहू ने बताया कि इस स्कूल ने उन्हें आरंभ से ही कुछ करने के लिए प्रेरित किया है। लैंगिक समानता का यह विषय भी उनके मन में इसी स्कूल में पिछले वर्ष आयोजित वार्षिकोत्सव के दौरान आया। उन्होंने तभी सोच लिया था कि इस विषय पर काम करना है। स्वस्थ सभ्य समाज ेके लिए बेहद जरूरी है कि स्त्री-पुरुष कंधे से कंधा मिलाकर काम करें। एक दूसरे के पूरक के रूप में भी और स्वतंत्र रूप से भी।
कार्यक्रम का खूबसूरत संचालन शाला की छात्रा मारिया सिद्दीकी एवं आकृति वर्मा ने की। इस अवसर पर रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के निदेशक महेन्द्र श्रीवास्तव, केपीएस कुटेलाभाटा की प्राचार्य मृदु लखोटिया सहित पालक एवं शिक्षक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *