स्वरूपानंद महाविद्यालय के माइक्रोबॉयो स्टूडेन्ट्स ने किया बॉयोटेक लैब का भ्रमण

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के बीएससी और एमएससी के छात्र-छात्राओं ने ‘यश बॉयोटेक लैब’, रायपुर का एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण किया। छात्रों ने वहां विभिन्न पौधों की टिशु कल्चर तकनीक के बारे में जानकारी हासिल की। यश लैब के मैनेजर चितरंजन सिंग ने छात्रों को टिशु कल्चर की विभिन्न तकनीकों के बारे में जानकारी दी और छोटी-छोटी गलतियों पर ध्यान देने के बारे में बताया। छात्रों ने वहां ‘एक्सप्लांट’ चयन करने के बारे में जाना कैसे विभिन्न मीडिया बनाया जाता है। उसे कैसे निर्णमीकृत किया जाता है और उसमें एक्सलांट को इनॉक्युलेशन देखा।भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के बीएससी और एमएससी के छात्र-छात्राओं ने ‘यश बॉयोटेक लैब’, रायपुर का एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण किया। छात्रों ने वहां विभिन्न पौधों की टिशु कल्चर तकनीक के बारे में जानकारी हासिल की। यश लैब के मैनेजर चितरंजन सिंग ने छात्रों को टिशु कल्चर की विभिन्न तकनीकों के बारे में जानकारी दी और छोटी-छोटी गलतियों पर ध्यान देने के बारे में बताया। छात्रों ने वहां ‘एक्सप्लांट’ चयन करने के बारे में जाना कैसे विभिन्न मीडिया बनाया जाता है। उसे कैसे निर्णमीकृत किया जाता है और उसमें एक्सलांट को इनॉक्युलेशन देखा। टिशु कल्चर लैब में विभिन्न पौधे जैसे केला, पपीता, गन्ने के पौधे, बॉटल में देखे। लैब से जमीन पर पौधे की स्थानांतरण अर्थात् हार्डनिंग और उसकी देख रेख के बारे में जाना। पौधा रोपणी में तैयार करने के पश्चात उसकी मार्केटिंग के बारे में छात्रों ने जानकारी प्राप्त की।
प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने छात्रों को इस भ्रमण से स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित होने कहा और इसको अपना कर दूसरों को भी रोजगार हेतु प्रोत्साहित किया। मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने शैक्षणिक भ्रमण को छात्रों के हित में बताया और कहा कि इसे अपनाकर छात्र समूह में कार्य करें तो निश्चित सफल होंगे।
माईक्रोबॉयोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शमा ए. बेग ने छात्रों को इस दिशा में कार्यरत होने प्रोत्साहित किया और केले के टिशु कल्चर जी-9 प्रकार यश बायोटेक से प्राप्त की किस्म का महाविद्यालय परिसर में रोपण करा छात्रों को उसकी देखभाल हेतु प्रोत्साहित किया। छात्रों को शैक्षणिक भ्रमण की रिपोर्ट बना जमा करने निर्देशित किया।
स.प्रा. हेमपुष्पा उवर्षा और राखी अरोरा ने शैक्षणिक भ्रमण हेतु अपना योगदान दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *