स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में एड्स पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन

AIDS awareness campaign at SSSSMV Bhilaiभिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में एड्स दिवस के अवसर पर बायोटेक विभाग द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में बी.एस.सी. प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों ने भाग लिया व अपने चित्रों के माध्यम से एड्स की भयावहता को साथ ही कारणों को भी उकेरा। इस अवसर पर निर्णायकों ने एड्स से बचाव एवं नियंत्रण पर सारगर्भित जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम प्रभारी स.प्रा. श्वेता दवे ने बताया एड्स आज की ज्वलंत समस्या है विद्याथिर्यों को इसके कारणों व भयावहता से परिचित कराना आवष्यक है क्योंकि जानकारी होगी तभी वे बचाव के लिये जागरूक होंगे।
AIDS-Day-SSSSMV-Bhilai भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में एड्स दिवस के अवसर पर बायोटेक विभाग द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में बी.एस.सी. प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों ने भाग लिया व अपने चित्रों के माध्यम से एड्स की भयावहता को साथ ही कारणों को भी उकेरा। इस अवसर पर निर्णायकों ने एड्स से बचाव एवं नियंत्रण पर सारगर्भित जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम प्रभारी स.प्रा. श्वेता दवे ने बताया एड्स आज की ज्वलंत समस्या है विद्याथिर्यों को इसके कारणों व भयावहता से परिचित कराना आवष्यक है क्योंकि जानकारी होगी तभी वे बचाव के लिये जागरूक होंगे।डॉ. दीपक शर्मा ने महाविद्यालय के प्रयास की सराहना की व कहा आज संक्रमण से फॅलने वाला सबसे भयावह रोग एड्स है इसके लिये युवाओं को जागरूक करना आवष्यक है शैक्षणिक संस्थायें, स्वयंसेवी संस्था समाजिक संगठन व सरकार एकजूट होकर कार्य करे तभी इस रोग पर काबू पाया जा सकता है।
प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने गंभीर विषय पर कार्यक्रम आयोजन के लिये बधाई दी व विद्याथिर्यों की सराहना की एड्स जैसे विषय पर अपनी कल्पनाओं के रंग बिखेरे।
निर्णायक डॉ. रजनी मुदलियार ने बताया अगर कोई व्यक्ति जिसका एच.आई.वी. टेस्ट पॉजिटिव निकलता है तो उसे सबसे पहले डॉक्टर के पास परामर्श करना चाहिए। धूम्रपान व शराब का सेवन नही करना चाहिए, असुरक्षित यौन संबंध न बनाये।
निर्णायक डॉ. शमा ए. बेग ने बताया कि एड्स के प्रसार से लड़ने का एक मात्र तरीका है और वह है कि लोगो में जागरूकता उत्पन्न करना।
अमन चंद्राकर बी.एस.सी. तृतीय वर्ष ने कारणों को प्रदर्शित करते हुये बताया संक्रमित ब्लड, असुरक्षित यौन संबंध से संक्रमित सूई से फैलता है।
जोया जायसवाल ने अपने एड्स के विषय में फैले मिथक को बताते हुये अपने चित्र में उकेरा यह खाने और हवा से नही फैलता, हाथ मिलाने, गले मिलना, एक टायलेट यूज करने, एक गिलास में पानी पीने, छींकने खासने, मच्छर के काटने आदि से नही फैलता ।
पुरस्कृत विद्याथिर्यों के नाम इस प्रकार है:-
प्रथम-अमन चंद्राकर-बी.एस.सी. प्रथम वर्ष, द्वितीय- जोया जायसवाल व आयुषी साव- बी.एस.सी. द्वितीय वर्ष, तृतीय- होमेंद्र साहू व पूजा डोंगरे- बी.एस.सी. द्वितीय वर्ष।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. चैताली मैथ्यू, स.प्रा. षिरीन ने विषेष सहयोग दिया। कार्यक्रम में विज्ञान विभाग के विद्याथिर्यों व प्राध्यापक शामिल हुये।

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