दुर्ग साइंस कालेज में नेपाल के छात्र करेंगे रसायन शास्त्र में शोध

Research scholars of Nepal to do project work in Science College Durgदुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय की उपलब्धियों की श्रृंखला में एक कड़ी और जुड़ गयी। नेपाल के छात्र राजेन्द्र जोशी एवं नरेश राउत शोध संबंधी कार्य करने हेतु महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग में पहुंचे। ये शोधार्थी त्रिभुवन विश्वविद्यालय काठमांडू में प्रो. रामेश्वर अधिकारी एवं डॉ. राजेश पंडित के निर्देशन में प्रोजेक्ट कार्य कर रहे हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह ने बताया कि ये शोध छात्र स्टडी एक्सचेंज प्रोग्राम के अंतर्गत यहां शोध कार्य करेंगे। डॉ सिंह ने बताया कि महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के प्राध्यापक डॉ. अजय सिंह इन शोधार्थियों का मार्गदर्शन करेंगे। रसायन शास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ. अनुपमा अस्थाना ने बताया कि काठमांडू, नेपाल स्थित त्रिभुवन विश्वविद्यालय के एमएससी अंतिम वर्ष के छात्र गत दिवस साइंस कालेज के रसायन शास्त्र विभाग में पहुंचे तथा उन्होंने उपलब्ध संसाधनों तथा उन्नत प्रयोगशालाओं की उपलब्धता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए रसायन शास्त्र विषय से संबंधित अपना शोधकार्य आरंभ किया।
स्टडी एक्सचेंज प्रोग्राम के मुख्य समन्वयक डॉ. अजय सिंह ने जानकारी दी कि नेपाल के उक्त दोनों छात्र नैनो मटेरियल से संबंधित विभिन्न प्रयोग कार्य साइंस कालेज, दुर्ग की प्रयोगशाला में करेंगे। डॉ. सिंह ने बताया कि डीएसटी फिस्ट का दर्जा प्राप्त साइंस कालेज, दुर्ग का रसायन शास्त्र विभाग जनवरी माह के चतुर्थ सप्ताह (24 एवं 25 जनवरी 2020) में अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन करने जा रहा है। इस सेमीनार हेतु देश विदेश के अनेक वैज्ञानिकों एवं प्राध्यापकों के शोध पत्र प्राप्त हो रहे है।
स्टडी एक्सचेंज प्रोग्राम की महत्ता बताते हुए डॉ. अजय सिंह ने जानकारी दी कि जिस प्रकार नेपाल के विद्यार्थी हमारे महाविद्यालय में अध्ययन हेतु आये हुए है। उसी प्रकार भविष्य में साइंस कालेज, दुर्ग के विद्यार्थियों को भी विदेश स्थित विश्वविद्यालयों में अध्ययन एवं शोध कार्य करने हेतु भेजा जाएगा।
महाविद्यालय की रसायन शास्त्र विभाग की शोध छात्रा एवं पोस्ट डॉक्टरेट रिसर्च फेलोशिप प्राप्त डॉ. भावना जैन अमेरिकी विश्वविद्यालयों का भ्रमण कर चुकी है। इस प्रकार के स्टडी एक्सचेंज प्रोग्राम से प्रतिभागी को दोनों देशों के विद्यार्थियों के बीच सामंजस्य स्थापित कर शोधकार्य करने तथा एक-दूसरे देशों की संस्कृति को जानने का अवसर मिलता है।

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