पाटणकर गर्ल्स कॉलेज में ई-कॉमर्स एवं डिजिटल मार्केटिंग पर सेमीनार

भिलाई। वावा पाटणकर गर्ल्स कॉलेज में कलिंगा यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर एम.ए.रामनी द्वारा छात्राओं को ई-कॉमर्स के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी देते हुए डिजिटल मार्केटिंग की व्यापकता एवं उपयोगिता पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैशलेश अर्थव्यवस्था के अंतर्गत कम समयावधि में विस्तार की आपार संभावनाएं निहित है। हमारी अर्थव्यवस्था में डिजिटल मार्केटिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है जो त्वरित एवं विश्वसनीय है। विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल जैन ने कहा कि व्यवसाय प्रबंध के क्षेत्र में डिजिटल मार्केटिंग का विस्तार व्यापार जगत के लिए उपयोगी साबित हुआ है। भिलाई। वावा पाटणकर गर्ल्स कॉलेज में कलिंगा यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर एम.ए.रामनी द्वारा छात्राओं को ई-कॉमर्स के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी देते हुए डिजिटल मार्केटिंग की व्यापकता एवं उपयोगिता पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैशलेश अर्थव्यवस्था के अंतर्गत कम समयावधि में विस्तार की आपार संभावनाएं निहित है। हमारी अर्थव्यवस्था में डिजिटल मार्केटिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है जो त्वरित एवं विश्वसनीय है। विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल जैन ने कहा कि व्यवसाय प्रबंध के क्षेत्र में डिजिटल मार्केटिंग का विस्तार व्यापार जगत के लिए उपयोगी साबित हुआ है। वाणिज्य परिषद के द्वारा अर्थजगत में हो रहे नवाचार तथा उनकी उपयोगिता के संबंध में लगातार व्याख्यान के माध्यम से जानकारी उपलब्ध करायी जा रही है। विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में रोजगार के बहुत से अवसर उपलब्ध है जिनका लाभ इस समय उठाना चाहिये।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने भी सेमीनार की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए कैशलेश अर्थव्यवस्था पर प्रकाश डाला। उन्होनें कहा कि रोजगारोपयोगी विभिन्न पाठ्यक्रम इसके लिये उपयोगी है। कौशल विकास के माध्यम से शासन की अनेक योजनायें विद्याथिर्यों को स्वावलम्बी बनाने के लिये बनायी गयी है। परिषद के माध्यम से उपलब्ध करायी गयी जानकारी एवं सूचनायें हमें रोजगार के अवसर प्रदान करती है।
इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. के.एल. राठी, कु. नेहा यादव एवं किरण वर्मा, डॉ. अनिल देवांगन तथा बड़ी संख्या में छात्रायें उपस्थित थी।

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