विद्यार्थी ही शैक्षिक संस्थानों की गुणवत्ता प्रदर्शन के बैरोमीटर
भिलाई। छत्तीसगढ़ हिंदी परिषद् द्वारा संचालित उदय महाविद्यालय में शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में पूर्णांक पाठ्यक्रम में उद्देश्य और पाठ्यक्रम परिणाम विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन किया गया। प्रथम दिवस कार्यक्रम की मुख्या अतिथि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने विद्याथिर्यों को मार्गदर्शन दिया एवं शिक्षा को अपने जीवन में लागु करने की बात कही। आरटीएम विश्वविद्यालय नागपुर के प्राचार्य एवं डीन डॉ. के एम भंडारकर, डॉ. किरण बाला पटेल, डॉ. अमूल्य पश्चिम बंगाल से वक्ता के रूप में उपस्थित थे। राष्ट्रीय सम्मलेन के दूसरे दिवस स्मारिका का विमोचन किया किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ तीरथराम साहू ने कहा की स्मारिका प्रकाशन महाविद्यालय के लिए गौरव का विशय है। इस सम्मेलन में विद्वानजनों के विचार मंथन द्वारा निष्चित ही शिक्षा प्रणाली का विकास होगा।
डॉ. सावित्री शर्मा, डीन, शिक्षा संकाय हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने परिणाम आधारित शिक्षा, आउटकम बेस्ड लर्निंग पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि विद्यार्थी शैक्षिक संस्थानों के परिणाम के बैरोमीटर है। हमें यह तय करना होगा कि पाठ्यक्रम के माध्यम से हमने विद्यार्थियों में किन मूल्यों का समावेश किया है जिसके माध्यम से वह एक जिसके माध्यम से वह एक अच्छे नागरिक की भूमिका निर्वहन करने के साथ-साथ समाज को अपना योगदान दे सकें।
उन्होंने कहा कि मूल्य आधारित शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में नवीनता लाने के विषय में चिंतन करना होगा। कार्यक्रम में 2000 से अधिक महाविद्यालय एवं अन्य महाविद्यालयों के बीएड प्रशिक्षणार्थी एवं सहायक प्राध्यापकों की उपस्थिति रही। अन्य महाविद्यालयों से उपस्थित विद्वतजनों ने उपस्थित थे, कार्यक्रम का संचालन राजेंन्द्र नाग एवं आभार प्रदर्शन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पावर्ती दास ने किया।