स्वरूपानंद महाविद्यालय में वेबिनार, हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा

SSSSMV Webinar on Coronaभिलाई। आज सम्पूर्ण विश्व कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है। कोरोना वायरस की न वैक्सीन बन पायी है न ही दवाइयां। ऐसे समय में सोशल डिस्टेंसिंग ही बचाव का मुख्य तरीका है जिसके कारण सम्पूर्ण देश में लॉकडाउन है। जीवन थम सा गया है। पर यह लॉक डाउन हम लंबे समय तक नहीं रख सकते। हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा। कोविड-19 से जुड़े लाकडाउन के प्रति छात्रों का नजरियॉ- शिक्षा, परीक्षा एवं सामाजिक जीवन विषय पर श्री स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय वेबिनार का आयोजन किया गया। यह आयोजन छात्रसंघ व आईक्यूएसी के संयुक्त तात्वधान में किया गया।
छात्रसंघ प्रभारी डॉ.नीलम गांधी ने कहा लॉकडाउन में विद्यार्थियों में जो नकारात्मकता उत्पन्न हो गई है उसे दूर करते हुये सही मार्ग प्रस्तुत करना और सकारात्मकता की ओर ले जाना इस वेबिनार का उद्देश्य था।
संस्था के चेयरमैन आईपी मिश्रा ने वेबिनार टीम को बधाई देते हुये कहा कोराना वायरस जागरूकता ही बचाव का मुख्य उपाय है हमें थोड़ी- थोड़ी देर में साबुन से हाथ धोते रहना चाहिए, मास्क का उपयोग करें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। भीड़ वाली जगह में जाने से बचे व सब से बड़ी बात कोरोना के साथ जीना सीखें।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन से सबसे अधिक विद्यार्थी एवं मजदूर प्रभावित हुये हैं। विद्यार्थियों की जहां यह चिंता है कि परीक्षा होगी या नही वहीं दिहाड़ी मजूदरों की समस्या रोजीरोटी की है। शिक्षा ई-लर्निंग की सम्भावना को लेकर आयी है तो मजदूरों की घर लौटने की जद्दोजहद उनको रोजगार उपलब्ध कराना मुख्य समस्या है।
श्री शंकराचार्य नर्सिंग महाविद्यालय की सीईओ डॉ. मोनिषा शर्मा ने कहा कोरोना वायरस के कारण शिक्षा व्यवस्था व सामाजिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। हमारी कार्य पद्धति में परिवर्तन आया है। हम घर में बैठ कर काम करना सीखें। आॅनलाईन पढ़ना व पढ़ाना सीखें। सबसे बड़ी बात हमने सीखा कम खर्चे में भी घर चलाया जा सकता है। आवश्यकता कम है, शौक ज्यादा हैं। प्रदूषण घट गया। हम दूर होते हुये भी भावात्मक रूप से एक दूसरे से ज्यादा करीब आ गए हैं।
प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा जिस समय सम्पूर्ण देश में लॉकडाउन हुआ उस समय परीक्षा चल रही थी। लॉकडाउन के कारण परीक्षा स्थिगित कर दी गई अब विद्यर्थियों के मन में दुविधा है कि परीक्षा होगा या नहीं। होगी तो कैसे? परीक्षा में गेप मिलेगा या नहीं। आनलाइन टीचिंग की शुरूआत हुई। इससे विद्यार्थी कितने संतुष्ट हंै क्या क्लासरूम जैसे आनलाइन टीचिंग में महसूस हो रहा है? कोरोना का संकट समाप्त होने में समय लगेगा।
अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा एवं शासकीय वीवी पाटणकर कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशीलचंद तिवारी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से सर्वाधिक प्रभावित विद्यार्थी हुये है क्योंकि उनके मन में कई तरह की शंका है। जिसके संबंध में विद्यार्थी अपनी शंका का समाधान सही व्यक्ति से नहीं कर पा रहे हैं और अफवाहों के कारण भ्रमित हो रहे हैं। विद्यार्थियों की काउंसलिंग के लिए यूजीसी एवं हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने विद्यार्थी हेल्प डेस्क बनाया है जिससे विद्यार्थियों को लाभ होगा। इस वेबीनार के द्वारा भी विद्यार्थी विभिन्न पहलुओं पर अपने प्रश्न एवं विचार रख सकेंगे।
अतिथि वक्ता डॉ. भूपेन्द्र कुलदीप उपकुलसचिव (अकादमिक) ने लॉकडाउन के बाद से परीक्षाओं के संचालन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा जनरल प्रमोशन के लिए सरकार ने अभी कोई निर्देश नहीं दिया है क्योंकि मार्किंग कैसे होगी अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा शतप्रतिशत होंगी। परीक्षा के पन्द्रह दिन पहले समय सारणी घोषित की जायेगी वेब साईट में डलेगा व समाचार पत्रों में भी प्रकाशित किया जायेगा। परीक्षा में कोई गेप नहीं होगा छुट्टी के दिन भी परीक्षा आयोजित की जायेगी। परीक्षा का आयोजन निरीक्षण सेनटाईजिंग, मूल्यांकन आदि पर गाईड लाईन से की जायेगी।
डॉ. देवजानी मुखर्जी मनोविज्ञान विभाग सेंट थामस महाविद्यालय ने लॉकडाउन जनसमान्य व विद्यार्थियों पर क्या मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ा पर प्रकाश डाला व बताया विद्यार्थियों के शैक्षणिक व डोमेस्टिक समस्या सामने आ रही है। अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों में परीक्षाओं को लेकर तनाव है क्योंकि उन्हें उच्च शिक्षा के लिये प्रवेश लेना है। जिनका प्लेमेंट हो गया है उन्हे जॉब में रखेंगे कि नही क्योंकि बहुत लोगो को नौकरी से हटाया जा रहा है जो स्नातकोत्तर वर्ष के विद्यार्थी है उन्हें चिंता है जॉब मिलेगा की नहीं उन्होंने सलाह दी कि अभी आप आॅनलाईन कोर्स कर सकते है। अपनी प्रतिभा को बढ़ा सकते है।
डॉ. प्रमोदशंकर शर्मा स.प्रा. वाणिज्य कल्याण महाविद्यालय ने लॉकडाउन को सामाजिक जीवन पर प्रभाव विषय पर अपने वक्तव्य में कहा इस लॉकडाउन में विद्यार्थी अपने परिवार की समस्याओं को समाझा व माता-पिता बच्चों की परवरिश को लेकर कितनी मेहनत कर रहे हैं यह जाना। लोगों ने गरीब की मजबूरी समझी व मदद के लिए आगे आये। जब हम लोगों की सहायता करते है हममें सकारात्मक उर्जा का संचार होता है।
डॉ. डी.एन. शर्मा क्षेत्रीय समन्वयक पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय ने ई-लर्निंग अवसर एवं चुनौतियां विषय पर विचार व्यक्त किया। उन्होंने बताया लॉकडाउन के कारण जीवन ठहर सा गया है जिसका सबसे ज्यादा असर बत्तीस करोड़ विद्यार्थियों पर पड़ा है। इसका सबसे अच्छा उपाय है क्लास रूम में जो शिक्षा दी जाती है उसका कोई मुकाबला नहीं है। पर अभी उसका एक विकल्प ई-लर्निंग है। इसकी अपनी सीमा है और हमें इसे स्वीकार करना होगा अभी भी हमारे देश में 60 से 70 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास ई-लर्निंग की सुविधा नहीं है। बहुत सारे विद्यार्थी मात्र गाईड से पढ़ते हैं। वे आनलाईन कितना पढ़ेंगे यह प्रश्न चिन्ह है। अभी भी हमारे शिक्षक व विद्यार्थी अभ्यस्त नहीं है। हमारे यहां 2500 से अधिक शिक्षक है पर मात्र 1300 विडियो अपलोड हैं। कौन-कौन से पोर्टल है जिससे हम शिक्षा ले सकते है इसकी जानकारी नहीं है। भाषा भी एक मुख्य समस्या है ।
डॉ. जी.ए. धनश्याम प्राध्यापक अंगें्रजी, रूसा रायपुर छत्तीसढ़ राज्य परियोजना अधिकारी ने लॉकडाउन में रचनात्मक गतिविधि विषय पर विचार व्यक्त करते हुये कहा रचनात्मकता अन्तर्निहित होती उसे हम भूल चूक थे इस लॉकडाउन में हमारी रचनात्मकता उभर कर सामने आयी है कोरोना वायरस के कारण भय का माहौल है इसे हमें सकारात्मकता में बदलना है। रचनात्मकता हमारे व्यक्तित्व की मूक अभिव्यक्ति है।
वेबिनार में उभरे मुख्य बिंदुओं को स.प्रा.श्रीमती आरती गुप्ता विभागाध्यक्ष प्रबंधन ने प्रतिवेदन के रूप में प्रस्तुत किया व वेबिनार के उपादेयता पर प्रकाश डाला।
संचालन डॉ. शमा ए बेग विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नीलम गांधी छात्रसंघ प्रभारी ने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सह-संयोजक डॉ.निहारिका देवांगन आई.क्यू.एसी संयोजन संगठन सचिव पूजा सोढ़ा, स.प्रा. वाणिज्य स.प्रा.वाणिज्य, तकनीकी प्रभारी स.प्रा.जीगर भवसार कम्प्यूटर साइंस, डॉ सुनीता वर्मा विभागाध्यक्ष हिन्दी, स.प्रा. कृष्णकांत दुबे विभागाध्यक्ष कम्प्यूटर साइंस, डॉ. अजीता सजीथ, स.प्रा.वाणिज्य, श्रीमती आरती गुप्ता विभागाध्यक्ष प्रबंधन, स.प्रा. खुषबु पाठक स.प्रा. प्रबंधन, स.प्रा. टी बबीता विभागाध्यक्ष भौतिकी शास्त्र, श्रीमती निशा पाठक स.प्रा. गणित ने विशेष योगदान दिया। कार्यक्रम में 280 विद्यार्थियों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसमें आॅनलाईन उपस्थित विद्यार्थियों को ई-प्रमाण पत्र दिया जायेगा।

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