एमजे कालेज में वेब असिस्टेड लर्निंग इन हायर एजुकेशन पर अंतरराष्ट्रीय वेबीनार


डाइट की सहा. प्राध्यापक शिशिरकना भट्टाचार्य ने विभिन्न आयुवर्गों के लिए ऑनलाइन टीचिंग पर अपना सारगर्भित वक्तव्य दिया। अनेक सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों के शिक्षण में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शाला के बच्चों के लिए शिक्षक की आत्मीयता भी जरूरी होती है जो संभवत: इस विधा से सम्भव नहीं है। पर इससे बड़ी क्लासों के लिए भविष्य के टीचिंग सिनारियो का दरवाजा खुल गया है। हम सभी सीख रहे हैं और तेजी से सीख रहे हैं। यह सफर आगे चलकर काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है।
अमेरिका के सिएटल से सेल्सफोर्स.कॉम के अरिहंत विरुलकर ने आनलाइन टीचिंग की तकनीकी पर अपना सारगर्भित वक्तव्य दिया। मोबाइल टावर और डोमेस्टिक ब्राडबैण्ड की तकनीकी पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते ऑनलाइन टीचिंग लर्निंग की तरफ हमें जबरदस्ती जाना पड़ा है। इसकी पूरी तैयारी आनन फानन में करनी पड़ी है। लोग एक के बाद एक ऐप आजमा रहे हैं। लोग ऐसे ऐप्स भी आजमा रहे हैं जिनकी अभी सुरक्षा जांच तक नहीं हुई है। पर यह आरंभिक अवस्था है जिसपर कुछ ही समय में काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने शिक्षण जगत को बधाई देते हुए कहा कि ऑनलाइन लर्निंग मटीरियल में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है वह भविष्य में अनेक छात्रों का भला कर जाएगा। उन्होंने कन्टेंट्स की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने का आग्रह शिक्षकों से किया।
महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर ने इस सफल आयोजन के लिए प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया समेत उनकी पूरी टीम को बधाई दी। वेबीनार का संचालन प्राचार्य डॉ चौबे ने किया। डॉ श्वेता भाटिया ने सभी प्रतिभागियों एवं वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए अपनी टीम के प्रत्येक सदस्य को बधाई दी।