MJ College Alumni Association Lecture series

एमजे कालेज में एलुमनाई एसोसिएशन की व्याख्यान माला का समापन

भिलाई। एमजे कालेज के एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए आयोजित सप्ताह व्यापी व्याख्यानमाला का आज समापन हो गया। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम के अंतिम दिन एलुमनाई सदस्य संस्कार सिटी स्कूल की शिक्षिका एम शहनाज अली एवं शिवम पब्लिक स्कूल की शिक्षिका यामिनी साहू ने अपना व्याख्यान दिया। आशीर्वाद समारोह की मुख्य अतिथि के रूप में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की बोर्ड ऑफ स्टडीज सदस्य डॉ निशा श्रीवास्तव उपस्थित थीं।डॉ निशा श्रीवास्तव सम्प्रति घनश्याम सिंह आर्य कन्या महाविद्यालय में एमएड की विभागाध्यक्ष हैं। अपने आशीर्वचन में उन्होंने सभी को मातृ दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने एमजे कालेज की एलुमनाई एसोसिएशन को इस कार्यक्रम के लिए साधुवाद देते हुए कहा कि यह उनके अपने महाविद्यालयएवं से जुड़े रहने का सहज सुलभ तरीका है। उन्होंने महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि उनका सहयोग हमेशा मिलता रहता है। साथ ही प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे एवं व्याख्यानमाला की संयोजक एवं संचालक मंजू साहू को भी साधुवाद दिया।
प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए महाविद्यालय की पूर्व छात्रा एवं सम्प्रति राजनांदगांव में संस्कार सिटी विद्यालय में शिक्षिका एम शहनाज अली ने किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तनों की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह वह समय होता है जब किशोर एवं किशोरियां स्वयं को प्रेजेन्टेबल बनाने की कोशिश करते हैं, विपरीत लिंग की तरफ उनका आकर्षण बढ़ता है, वे अपना रोल मॉडल चुन लेते हैं और उसके अनुरूप स्वयं को ढालने की कोशिश करते हैं। उनकी रुचियां स्वतंत्र होने लगती हैं और टोकाटाकी बर्दाश्त करना मुश्किल होता है। ऐसे समय में उन्हें अधिक से अधिक गतिविधियों से जोड़कर उनके जीवन को सही दिशा देना चाहिए। यह माता पिता एवं शिक्षक दोनों के की जिम्मेदारी है कि उसकी रुचि एवं उसके कौशल के अनुरूप उन्हें ढालें तथा वांछित दिशा में लेकर चलें।
दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए एलुमनाई स्पीकर शिवम पब्लिक स्कूल की टीचर यामिनी निषाद ने व्यावसायिक निर्देशन पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की कुछ विशिष्टताएं होती हैं और कुछ सीमाएं भी। विज्ञान के इस दौर में प्रतिदिन नए समीकरण बनते हैं। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि सफलता के लिए व्यावसायिक निर्देशन प्राप्त किया जाए। इस तरह से व्यक्ति विषय से जुड़ी विशिष्ट जानकारी सहज प्राप्त कर सकता है। उन्होंने सफलता के लिए शैक्षणिक योग्यता एवं आवश्यक अनुभव को जरूरी बताया।
शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया ने समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम सभी प्रतिभागियों के लिए एक रिफ्रेशर की तरह था। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रतिभागी विद्यार्थियों के लिए यह व्याख्यानमाला बेहद उपयोगी साबित होगी।
प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने इस आयोजन के लिए एलुमनाई एसोसिएशन का धन्यवाद किया। स्वस्तिवाचन समारोह की मुख्य अतिथि डॉ निशा श्रीवास्तव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उनका आशीर्वाद महाविद्यालय के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एलुमनाई एसोसिएशन का इस आयोजन के लिए स्वयं आगे आना एवं अपनी-अपनी रुचि के अनुसार विषयों को चुनकर उनपर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करना निश्चय ही स्वागतेय है। सभी सत्रों के सफल संचालन के लिए उन्होंने शिक्षा संकाय की सहायक प्राध्यापक मंजू साहू को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम की संयोजक मंजू साहू ने व्याख्यानमाला के समापन की घोषणा की।

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