Innovative ways for senior school students in bemetara

बुल्टू के बोल, मोहल्ला क्लास, आमाराइट, मिस्ड कॉल

बेमेतरा। कोरोना संक्रमण कोविड-19 के चलते वर्तमान में स्कूल पूरी तरह से बंद है लेकिन शासन स्तर पर विभिन्न माध्यमों से पढ़ाई जारी है। बच्चों की पढाई जारी रखने के लिए सरकार ने कई योजनाएं भी लागू किये है। जैसे-पढ़ई तुंहर दुआर, मोहल्ला क्लास, बुल्टू के बोल, मिस्ड काल गुरूजी इत्यादि। इसी क्रम मे जिला बेमेतरा के शालाओं में आमाराइट प्रायोजना की शुरूआत हो चुका है। आमाराइट एक ग्रीष्कालीन प्रोजेक्ट है। जिसे प्रदेश के कक्षा पहली से 12वीं तक स्कूली बच्चों के लिए उनके कक्षा के आधार पर तैयार किया गया है। इसका अर्थ एम आई राईट है, जो छत्तीसगढ़ी खेल का अपभ्रंस है। इस प्रोजेक्ट का अर्थ भी बच्चों को खेल खेल में सिखाने से है। इस प्रोजेक्ट को ग्रीष्मकाल में बच्चों को सक्रीय रखने के लिए तैयार किये है। इसी के आधार पर बच्चे प्रोजेक्ट तैयार करेंगे और जब स्कूल खुलेगा तो उसे जमा करेंगे। आमाराइट प्रयोजना को बच्चों के कक्षा के स्तर के आधार पर तैयार किया गया है। जिसमे कुछ प्रश्न है, इन प्रश्नों को बच्चे अपने माता-पिता, भाई-बहन, पड़ोसियों, रिश्तेदारों और शिक्षकों के मार्गदर्शन में तैयार करेंगे। प्रोजेक्ट को विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है जिसमे बच्चे अपने परिवेश, वातावरण, रहन सहन एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अवगत होंगे और स्वयं को इनसे जोड़ पाएंगे।

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