Surhutti ke anjor at SSMV Bhilai

शंकराचार्य महाविद्यालय में मनाया ’’सुरहुत्ती के अंजोर’’

भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में कला संकाय के छात्र छात्राओं द्वारा दीपावली मिलन समारोह ’’सुरहुत्ती के अंजोर’’ कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सुरेश कोठारी जी चार्टेट अकाउंटेंट थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ रक्षा सिंह निदेशक एवं प्राचार्य, श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी ने किया तथा विशेष अतिथि के रूप में महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ जे. दुर्गा प्रसाद राव जी उपस्थित थे। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा छत्तीसगढ़ी परम्परा के अनुसार अपनी संस्कृति को बनाए रखते हुए विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। पटाखे फोड़ने से उत्पन्न समस्याओं को नाटक के माध्यम से बखान कर तथा उनसे होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को रोकने का संदेश दिया। मंच के माध्यम से ही समाज के लोगों से अपील भी किया कि दीपावली संबंधित सामग्री गरीब वर्ग के लोगों से खरीदे ताकि आपके पैसे से उसके बच्चे एवं परिवार के लोग नए कपड़े पहन कर धूमधाम से दीपावली त्यौहार मना सके। कार्यक्रम में छात्र छात्राओं ने नाटक के माध्यम से समाज के सभी वर्ग के लोगों से अपील की कि कोविड-19 के कारण जिन परिवार के मुखिया एवं उनके अभिभावक नहीं रहे उन परिवारों के प्रति संवेदना रखते हुए उनके बच्चों को मिठाई आदि देकर उनके साथ दीपावली का त्यौहार मनाए एवं उनके साथ खुशियां बांटे।
छात्र छात्राओं के द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम से अभिभूत होकर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीए सुरेश कोठारी ने कहा कि दीपावली का त्यौहार खुशियों का त्यौहार होता है और हम सबको मिलकर के आपस में हो एक होकर दीपावली का त्यौहार मनाना चाहिए। उन्होंने विवेकानंद, शहीद भगत सिंह, अरुण का उदाहरण देते हुए नवयुवकों से आग्रह किया कि अपना हीरो ऐसे व्यक्ति को चुने जो जीवन में सकारात्मक क्षेत्रों में आगे बढ़ने की प्रेरणा दें। छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सर्वश्रेष्ठ संस्कृति बताते हुए कहा कि इस प्रकार के त्यौहारों में सभी लोग एक दूसरे के साथ खुशियां खुशियां बांटते है एक दूसरे का सहयोग करते हुए त्यौहार मनाते हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि भारतीय संस्कृति का परिपालन आप सभी के कंधों पर निर्भर है।
महाविद्यालय की निदेशक एवं प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह ने कहा कि भारतीय परंपराओं के अनुसार दीपावली का त्यौहार प्रमुख त्योहारों में से एक हैं। दीपावली के त्यौहार के माध्यम से लोग एक दूसरे के प्रति अपनत्व की भावना रखते हुए जाति धर्म पंथ आदि से विमुख होकर लोग आपस में गले मिलकर एक दूसरे को बधाइयां देते हैं। यह त्यौहार हम सब भारतीय हैं की कहावत को चरितार्थ करती है। लोग दूसरे के घरों में दीपदान कर एक दूसरे खुशियों में शामिल होते हैं। भारतीय संस्कृति के अनुसार दीपोत्सव हर व्यक्ति के जीवन के लिए विशेष महत्व रखता है। उन्होंने कहा कि कोविड -19 के कारण बहुत से परिवारों की खुशियां छीन गई है। आइए हम उन परिवारों के साथ संवेदना रखते हुए उन परिवारों के साथ मिलकर दीपावली के त्यौहार मनाए, उनके घरों में सुरहुत्ती के अंजोर पहुंचाऐं।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि अतिरिक्त निदेशक डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण प्रदूषण तथा जीव जंतु एवं वृद्धजनों को पटाखे की आवाज से होने वाली समस्याओं को देखते हुए पटाखे न फोड़ने की अपील की तथा दीपावली त्यौहार को सौहाद्र एवं भाईचारे के प्रतीक बताते हुए दीपोत्सव की शुभकामनाएं दी।
इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के द्वारा गीत एवं नृत्य की प्रस्तुति भी की गई जिसमें प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त होने वाले छात्र छात्राओं को मुख्य अतिथि जी के कर कमलों से पुरस्कार प्रदान किया गया। महावि।ालय के समस्त प्राध्यापकगण एवं कला संकाय के समस्त छात्र छात्राओं ने इस कार्यक्रम में अपनी गरिमामयी उपस्थिति प्रदान की। कार्यक्रम का सफल संचालन कला संकाय के विद्यार्थी अभिषेक शर्मा एवं विधि शर्मा ने किया।

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