Constitution day at JGSCE

शंकराचार्य शिक्षा महाविद्यालय में संविधान दिवस

भिलाई। जगदगुरू शंकराचार्य कॅालेज ऑफ एजूकेशन, आमदी नगर हुडको भिलाई में संविधान दिवस के अवसर पर छात्रों के द्वारा विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों ने संविधान के बारे में विचारों की प्रस्तुति दी। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. व्ही. सुजाता ने अपने उद्बोधन में संविधान की विस्तृत व्याख्या की इसके साथ ही उन्होंने अधिकारों तथा कर्तव्यों का भी स्पष्टीकरण किया और कहा कि संविधान के ज्ञान एवं जागरूकता प्रत्येक नागरिक के लिए आवश्यक तत्व है। बी.एड. प्रथम सेमेस्टर के छात्र कविन्द्र यादव ने भारतीय संविधान को विस्तृत एवं लिखित संविधान बताया। गुलशन साहू ने संविधान को सत्ता के सुचारू रूप से संचालन के लिए आवश्यक बताया। निक्की शिवहरे ने संविधान समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर की शिक्षा-दीक्षा की व्याख्या की। विद्या मंडल ने कहा लिखित संविधान देश का सर्वोच्च कानून होता हैए इसका उल्लंघन करने वाले को गैर संवैधानिक माना जाता है। महेश कुमार साहू ने कहा संविधान देश की राजनीतिक व्यवस्थाएं न्याय व्यवस्था तथा नागरिकों के हितों की रक्षा करने का एक मूल माध्यम होता है। अमरीश शैलेन्द्र ने कहा कि संविधान के नियमों के आधार पर सम्पूर्ण देश में शासन किया जाता है। नितिश शिवहरे ने संविधान निर्माण की प्रथम बैठक तथा संविधान निर्माता के कार्यों के बारे में वक्तव्य दिया। माधवी ने कहा कि भारत का संविधान एकीकृत और स्वतंत्र न्यायपालिका प्रणाली प्रदान करता है। पुर्णेन्द्र ने कहा कि भारतीय संविधान में मूल रूप से 8 अनुसूचियां थीं। बाद में बढ़कर कुल 25 हो गयी गईं। पांचवीं अनुसूची में अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण का प्रावधान की चर्चा की। भारती साहू ने संविधान निर्माण में लगने वाले समय तथा उसके महत्व का प्रतिपादन किया।
कार्यक्रम का संचालन श्रद्धा भारद्वाज ने किया। विभागाध्यक्ष मधुमिता सरकार ने छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए भविष्य में इसी तरह कार्यक्रमों में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकगणों की उपस्थिति सराहनीय रही। अंत में सभी के द्वारा संविधान की प्रस्तावना का संकल्प लिया गया।

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