गणित में भारत का महत्वपूर्ण योगदान है – डॉ पाठक
दुर्ग। शासकीय डॉ वामन वासुदेव पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के स्नातकोत्तर गणित विभाग के तत्वाधान में छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सौजन्य से ‘राष्ट्रीय गणित दिवस’’ के अवसर पर एक सप्ताह तक विविध आयोजन किये जा रहे है। जिसका शुभारंभ भारती विश्वविद्यालय के कुलपति एवं सुप्रसिद्ध गणित के लेखक एवं विशेषज्ञ डॉ. एच.के. पाठक के द्वारा किया गया। अपने उद्बोधन में डॉ. पाठक ने गणित की खूबसूरती पर चर्चा करते हुए कहा कि जिस तरह पाई अनंत तक चलने वाली संख्या है। गणित के क्षेत्र में भी भारतीयों का योगदान भी अनंत है। संख्या को अक्षरों, स्वर और व्यंजनों की सहायता से लिखना तथा विभिन्न प्राचीन पद्धतियों में ज्यामिति आकृति के महत्व को हम अच्छी तरह जानते हैं।
विश्व को गणित की प्रत्येक विद्या में योगदान देने के लिए भारत का कोई मुकाबला नहीं है। राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर श्रीनिवास रामानुजन को हम याद कर प्रतिभाओं का सम्मान करते हैं। उन्होनें विभिन्न गणित के सिद्धांतों को रोचक शैली में उदाहरणों के द्वारा बताया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर विभिन्न स्पर्धाओं एवं विशेषज्ञों के व्याख्यान के माध्यम से हम छात्राओं की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का प्रयास करते हैं। गणित के क्षेत्र में किये जा रहे शोधकार्यों एवं इसकी जागरूकता बढ़ाने परिषद के प्रयास प्रसंशनीय है।
विभागाध्यक्ष एवं संयोजक डॉ. अनुजा चौहान ने संचालन करते हुए राष्ट्रीय गणित दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला तथा आयोजित होने वाली विभिन्न स्पर्धाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम में आई.क्यू.ए.सी. संयोजक डॉ. अमिता सहगल ने भी विद्यार्थियों की उपलब्धियों के लिए शुभकामनाएँ दी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्राएँ उपस्थित थी। प्रारंभ में स्वागत गीत एवं राजगीत की प्रस्तुति एम.एससी. की छात्राओं ने दी। गणित विभाग के प्राध्यापक डॉ शंकरवैद्य, पूजा यादव, प्राक्षी नायक ने आयोजन में सक्रिय सहभागिता दी। आभार प्रदर्शन डॉ अनुजा चौहान किया।