छत्तीसगढ़ की बेटियों को कोई रोक नहीं सकता – बघेल
बेमेतरा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘‘छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार’’ पर आज कहा कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं को भरपूर सम्मान दिया जा रहा है. यहां की बेटियां अब बड़े लक्ष्य को लेकर निकल पड़ी हैं. उन्हें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता. छत्तीसगढ़ विधानसभा में महिलाओं का प्रतिशत देश में सबसे अधिक है. उन्होंने राज्य में महिलाओं, विशेषकर महिला स्व सहायता समूहों को दी जा रही सुविधाओं का उल्लेख किया.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 27वीं कड़ी में प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं. श्री बघेल ने कहा कि महिलाओं के मान सम्मान से ही हमारी सभ्यता और संस्कृति की पहचान होती है. इसे हम सभी को गहराई से समझना चाहिए. नारी का सम्मान करने वाला समाज ही संस्कारी समाज होता है.
हमारे पुरखों की वजह से हमें ऐसा संविधान मिला है, जिसमें महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिया गया है.
उन्होंने बताया कि प्रदेश के 370 थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित किए जा रहे हैं. प्रदेश के किसी भी कोने से महिला हेल्पलाईन 181 पर फोन करके कोई भी महिला सहायता प्राप्त कर सकती है. प्रत्येक जिले में महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन किया जा रहा है, ताकि माताओं एवं बहनों को पूर्ण सुरक्षा का वातावरण मिले.
प्रत्येक जिले में महिला महाविद्यालय का सपना साकार करने 9 जिलों में नए महिला महाविद्यालय शुरू किए गए हैं. सरकारी महाविद्यालयों में बेटियों की संख्या बेटों से डेढ़ गुना हो गई है. महिलाओं की आर्थिक सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे है.
छत्तीसगढ़ महिला कोष के माध्यम से लगभग 39 हजार समूहों को 9 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण दिए जा चुके हैं. इनमें से 6 हजार 489 महिला स्व-सहायता समूह डिफाल्टर की श्रेणी में आ गए थे. उनके आगे बढ़ने के रास्ते बंद हो गए थे. इनका ऋण माफ किया गया. छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है, जिससे समूहों को अब पहले की तुलना में दो से चार गुना तक ऋण मिल सके. सक्षम योजना में ब्याज दर 6.5 प्रतिशत थी, जिसे हमने घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया है. वहीं ऋण लेने की पात्रता भी दोगुनी कर दी है. इस तरह महिलाओं को अपने व्यवसाय के लिए अधिक आर्थिक सहायता देने के इंतजाम हमने किए हैं. अन्य योजनाओं में भी महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक सुविधाएं दी जा रही हैं.
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि बस्तर की बेटी देश और दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी को फतह कर सकती है. छत्तीसगढ़ की बेटियां विभिन्न खेलों में अपने प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम में शामिल हुई हैं. कप्तानी का अवसर भी पाया है. आईएएस, आईपीएस जैसी बड़ी परीक्षाओं में पास होकर प्रशासन की जिम्मेदारी संभाल रही हैं.
सरकार ने कोरोना के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों की निःशुल्क शिक्षा के साथ उन्हें निःशुल्क कोचिंग और 500 से एक हजार रुपए तक मासिक छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया.
‘महतारी जतन योजना’ के माध्यम से एक लाख 71 हजार गर्भवती बहनों को गर्म भोजन तथा रेडी-टू-ईट, टेक होम राशन दिया जा रहा है. कोरोना के समय में भी आंगनवाड़ी केन्द्र के हितग्राहियों को रेडी-टू-ईट फूड दिया. कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद 5 जनवरी 2022 से प्रदेश के 51 हजार 415 आंगनवाड़ी केन्द्रों से गर्म भोजन देने की व्यवस्था प्रारंभ कर दी गई है.