इस खंडहर स्कूल के हवाले है 650 बच्चों का भविष्य
डोंगरगढ़। इस स्कूल में 650 बच्चे दर्ज हैं। बीम के सरिये दांत निपोरकर हंस रहे हैं। कंक्रीट झड़ रहा है। दीवारों की दरारों से कीड़े मकोड़े निकल रहे हैं। खिड़की दरवाजे गायब हो चुके हैं। और तो और विभाग ने 2017 में इसे गिराकर नया भवन बनाने का प्रस्ताव भेजा था। मुख्यमंत्री नई इमारत की घोषणा कर चुके हैं। राशि भी उपलब्ध हो गई है पर आदेश नहीं आया है। इस स्कूल की कोख ने दो-दो विधायकों के अलावा एक जिला पंचायत अध्यक्ष को भी जन्म दिया है।
डोंगरगांव विधानसभा के सबसे बड़े गांव लालबहादुर नगर का यह सबसे बड़ा स्कूल है या यूं कहें था। इस स्कूल में दर्ज 650 बच्चे दूसरी इमारतों में एडजस्ट होकर पढ़ाई कर रहे हैं। कक्षों की कमी के कारण प्रयोगशालाओं को बंद कर दिया गया है। वहां भी क्लास लगती है। सिलेबस तो किसी तरह पूरा हो रहा है पर प्रायोगिक कक्षाएं नहीं लग पा रही हैं। स्कूल का स्टाफ खंडहर हो चुकी इमारत के कुछ साबुत बचें कक्षों का उपयोग कर रहे हैं। रिकार्ड के नष्ट होने का खतरा सिर पर मंडरा रहा है।
7 अक्तूबर 2017 को लोक निर्माण विभाग ने इस स्कूल का निरीक्षण कर इसे खतरनाक घोषित किया था। विभाग ने इस स्कूल भवन को गिराकर नया भवन बनाने की अनुशंसा कर दी थी। पर स्कूल का अस्तित्व अब तक बना हुआ है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि राशि की व्यवस्था तो हो गई है पर नया भवन बनाने का आदेश नहीं आया है। आदेश मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
शासन ने डोंगरगढ़ ब्लॉक व डोंगरगांव विधानसभा के इस सबसे बड़े ग्राम लालबहादुर नगर को तहसील बनाने की घोषणा की है। नए भवन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने दौरे के दौरान घोषणा भी की थी। लेकिन अब तक स्वीकृति को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई है। लगातार दो बार विधायक चुने गए दलेश्वर साहू भी केवल आश्वासन ही दे पा रहे हैं।
ब्लॉक के सबसे बड़े ग्राम होने की वजह से सबसे अधिक बच्चे हायर सेकेंडरी स्कूल एलबी नगर में पढ़ रहे हैं। संसाधनों की कमी के बावजूद इस स्कूल का परिणाम अन्य सरकारी स्कूलों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन रहता है।
पूर्व विधायक हीराराम वर्मा, पूर्व विधायक खेदूराम साहू, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भरत वर्मा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सोमेश्वर वर्मा सहित कई जनप्रतिनिधियों ने यहां इसी स्कूल के छात्र रहे हैं।