Clay Ganesha Workshop in Girls College

गर्ल्स कालेज में माटीशिल्प कार्यशाला, बनाई गणेश प्रतिमाएं

दुर्ग। शासकीय डाॅ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में चित्रकला एवं मूर्तिकला विभाग द्वारा तीन दिवसीय माटी-शिल्प कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें लगभग 115 छात्राओं ने अपनी भागीदारी दी। छात्राओं की सृजनशीलता को बढ़ावा देने मुख्य प्रशिक्षक राजेन्द्र सुनगरिया को आमंत्रित किया गया जो छग संस्कृति विभाग एवं यूनिसेक के साथ कार्य कर रहे हैं एवं शिल्प वर्ष संस्था के कलाकारों को मूर्ति शिल्प सिखा रहे हैं।
महाविद्यालय में इस वर्ष से मूर्तिकला एक विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है जिसकी सहायक प्राध्यापक तृप्ति खरे ने बताया कि इस कार्यशाला के लिए छात्राओं में बेहद उत्साह देखा गया। कार्यशाला के प्रथम दिन विधायक अरूण वोरा एवं महाविद्यालय जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष प्रीति मिश्रा ने कार्यशाला का अवलोकन किया एवं छात्राओं के कौशलविकास की प्रशंसा की। कार्यशाला की दूसरे दिन प्रसिद्ध चित्रकार रोहिणी पाटणकर ने छात्राओं का उत्साहवर्धन किया एवं महाविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। अंतिम दिन छात्राओं द्वारा बनाये गये गणेश की प्रतिमा एवंअन्य कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई। प्रथम तीन मूर्तियों के लिये कावेरी (एमएससी, रसायनशास्त्र) प्रथम, रियाबारले (बी.ए.)- द्वितीय एवं ललितासाहू (बी.ए.) तृतीय स्थान को पुरस्कृत किया गया।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से छात्रायें मिट्टी के गणेश एवं अन्य मूर्तियाँ बनाना सीखेंगी। गणेश पक्ष को देखते हुए उन्हें इको फ्रेंडली गणेश बनाना सिखाया जा रहा है ताकि वे घर पर ही स्थापित कर उसका विसर्जन कर सके। छत्तीसगढ़ कला परिषद के निदेशक योगेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि सभी कलायें आपस में जुड़ी हुई हैं। अंतर्संबंध बनाये हुये ये एक-दूसरे का सौंदर्य बढ़ाती है।
कार्यशाला की संयोजक डाॅ. ऋचाठाकुर ने बताया कि समापन सत्र को प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी, डाॅ. डी.सी. अग्रवाल एवं डाॅ. आरती गुप्ता ने संबोधित किया। इस अवसर पर माटी शिल्प बोर्ड, रायपुर के विमल उपस्थित थे। कार्यशाला को सुन्दर स्वरूप प्रदान करने में शबीना बेगम (सहा. प्रा. इतिहास) वाणी दिल्लीवार, नीलमपरिहार, रिया, विमल यादव, ओम ध्रुव, विजय चन्द्राकर, बल्लावैष्णव, विनोदकुमार, अनीता का उल्लेखनीय योगदान रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *