Admission to pshychiatric Nursing

साइकियाट्रिक नर्सिंग में केवल 10-10 सीट, जरूरत कहीं ज्यादा

रायपुर। प्रदेश में मानसिक रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग और नशे के आदी शामिल हैं। प्रदेश में साइकियाट्री के दर्जनों अस्पताल भी हैं पर साइकियाट्रिक नर्सिंग में सरकारी और निजी मिलाकर कुल 20 सीटें हैं। इनमें से भी सरकारी नर्सिंग कालेज में केवल छात्राएं ही प्रवेश ले सकती हैं। डिप्लोमा इन साइकियाट्रिक नर्सिंग में प्रवेश प्रारंभ हो गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग (डीएमई) ने नर्सिंग कॉलेजों में डिप्लोमा इन साइकियाट्रिक नर्सिंग कोर्स में एडमिशन के लिए आवेदन मंगाए हैं। इसकी पढ़ाई एक सरकारी और एक निजी कालेज में की जा सकती है। दोनों में 10-10 सीटें हैं। सरकारी कॉलेज में केवल महिलाएं ही आवेदन कर सकती हैं जबकि राजनांदगांव स्थित निजी कॉलेज में महिला व पुरुष दोनों ही आवेदन कर सकेंगे।
डिप्लोमा इन साइकेट्रिक नर्सिंग कोर्स एक साल का डिप्लोमा कोर्स है। इस कोर्स के लिए आवेदन 8 से 18 अगस्त तक जमा किए जा सकते हैं। आवेदन केवल भारतीय डाक विभाग के स्पीड पोस्ट व रजिस्टर्ड डाक से ही स्वीकार किए जाएंगे। बाई हैंड या कोरियर से आवेदन नहीं लिए जाएंगे। अनारक्षित व ओबीसी के लिए काउंसिलिंग शुल्क 1000 व एसटी-एससी केटेगरी के लिए 500 रुपए देना होगा।
बता दें कि बीएससी नर्सिंग कोर्स में भी यही स्थिति है। सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में केवल छात्राएं प्रवेश प्राप्त कर सकती हैं। 5 साल पहले सरकारी मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव में स्टाफ नर्स की भर्ती में मेल नर्सों को अपात्र घोषित कर दिया गया था। इसके बाद छात्रों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में अभी अंतिम फैसला नहीं आया है। डीएमई व डीएचएस सेटअप से संचालित सरकारी अस्पतालों में कहीं भी मेल नर्स की पोस्टिंग नहीं है।

Display pic courtesy ABC news

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