Dont apply toothpaste or ink on burns

पटाखों से जलने पर न लगाएं टूथपेस्ट या स्याही – डॉ देवांगन

भिलाई। आतिशबाजी किसी भी उत्सव को चार चांद लगा देती है. पर यही आतिशबाजी हादसों का कारण भी बनती है. दीपावली पर पटाखे छुड़ाते समय कुछ सावधानियां बरतें तो हम आग, धमाका या धुएं से होने वाली परेशानियों से बचे रह सकते हैं. हाइटेक सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल के आरएमओ डॉ टीपी देवांगन ने बताया कि लापरवाही त्यौहार का मजा किरकिरा कर सकते हैं. उन्होंने कुछ सावधानियां बरतने की सलाह भी दी है. उन्होंने बताया कि पटाखों से जलने के बाद शरीर पर स्याही या कॉलगेट का प्रयोग नहीं करना चाहिए. जलने के स्थान पर नल का पानी तब तक डालना चाहिए, जब तक जलन कम न हो जाए। जलने पर चूड़ियां व अंगूठियां जल्दी से उतार देना चाहिए, क्योंकि सूजन आने के बाद ये चीजें नहीं उतरती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आंख में पटाखा या धुआं चले जाने पर रगडऩा नहीं चाहिए, आंख को दस मिनट तक पानी से धोना चाहिए। साथ ही पटाखों से निकलने वाला धुआं काफी हानिकारक होता है, इससे आंखों की रोशनी तक जा सकती है। हृदय रोगियों को ज्यादा आवाज वाले पटाखों से दूर रहना चाहिए, वहीं सांस की बीमारी वाले मरीजों को धुंए से परहेज करना चाहिए।
पटाखा जलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए – पटाखे खुले मैदान में ही जलाने चाहिए. रॉकेट छोड़ते समय ध्यान रखें कि उसका मुंह ऊपर की तरफ हो. पटाखे जलाते समय सूती कपड़े ही पहनने चाहिए. पानी के साथ ही बालू-मिट्टी का इंतजाम भी रखें. पटाखों को आग सुरक्षित दूरी से लगाएं. चिगारियां छोड़ने वाले पटाखों के पास नहीं जाएं. पटाखे जलाते समय जूते पहनें. जो पटाखा न फूटे उसपर पानी या मिट्टी डाल दें.
दीपावली पर खुशियां बांटें. छोटे बच्चों व बुजुर्गो का ख्याल रखें. बच्चों को निगरानी में रखें. पटाखे छोटे बच्चों कि पहुच से दूर रखे. दो साल से छोटे बच्चों के कान में रुई के फाहें डालें. गर्भवती स्त्रियां भी तेज धमाके वाले पटाखों से दूर रहें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *