Microbiology tools literacy program at SSSSMV

स्वरुपानंद में सूक्ष्म जीवविज्ञान तकनीक एवं उपकरण साक्षरता कार्यक्रम

भिलाई. स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय के सूक्ष्म जीवविज्ञान विभाग ने स्कूली बच्चों के लिए सूक्ष्म जीवविज्ञान साक्षरता मिशन के तहत नयी पहल करते हुए सूक्ष्म जीवविज्ञान के तकनीक एवं उपकरण प्रायोगिक साक्षरता कार्यक्रम शुरुआत की. इसी कड़ी में सर्वप्रथम शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला जेवरा-सिरसा के 9वीं से 12वीं के छात्रों ने एक दिवसीय विभागीय भ्रमण किया. विद्यार्थियों के साथ श्रीमती सपना सोनी व्याख्याता भौतिकी उपस्थित थी.
सूक्ष्म जीवविज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. शमा ए बेग ने बताया कि विभाग ने यह पहल सूक्ष्म जीवविज्ञान के महत्व सामूदायिक समझ को बढ़ाने हेतु शुरु किया है. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाली सूक्ष्म जीवविज्ञान के प्रक्रियाओं की गहन समझ व स्थिरता के विभिन्न पहलुओं, उपकरणों व तकनीकी के महत्व को स्थापित करना है. इसके अंतर्गत रोग व स्वास्थ्य, पोषण व खाद् उत्पादक में सूक्ष्म जीवविज्ञान शामिल है. इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्कूली छात्राओं में सूक्ष्म जीवविज्ञान के प्रमुख पहलुओं से परिचित करना है एवं इस ज्ञान से पारिवारिक, क्षेत्रीय पर्यावरण के प्रति जागरुक करना है. छात्रों ने विभाग के विभिन्न उपकरण देखे व छोटे-छोटे प्रयोग भी किये. सहायक प्राध्यापिका योगिता लोखण्डे एवं अमित कुमार साहू ने बच्चों की विस्तार में इन्क्यूबेटर, लेमिनार एयरफ्लो की जानकारी दी एवं बैक्टेरिया के आइसोलेशन की तकनीक सिखायी.
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारिणी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने कहा इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में इस विषय के शिक्षण से शोध एवं नौकरी की संभावनाओं को बताना है.
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि सूक्ष्म जीवविज्ञान विभाग द्वारा स्कूली छात्रों को सूक्ष्म जीवविज्ञान में पारंगत करने हेतु प्रत्येक शनिवार अलग-अलग विद्यालय के विद्यार्थियों को विषय की जानकारी देने हेतु एक पहल है जिससे समाज के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने हेतु आने वाली पीढ़ी का मार्गदर्शन होगा.
जेवरा-सिरसा शासकीय विद्यालय के छात्रों ने शैक्षणिक प्रायोगिक कार्यक्रम उपरांत अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि हमें विषय की जानकारी एवं प्रयोग करने पर बहुत सी बाते ज्ञात हुई एवं सूक्ष्मजीवों की जानकारी प्राध्यापकों का सहयोग अच्छा लगी. उन्होंने आगे भी इस कार्यक्रम में भाग लेने की बात कही.

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