Saket Rungta earns PhD in HR Management

एसआरजीआई के डायरेक्टर साकेत रूंगटा को एचआर में पीएचडी

भिलाई। साकेत रूंगटा को इंडियन आईटी सेक्टर में एट्रिशन पर “इश्यूज एंड चैल्लेंजेस” विषय पर अपने शोध के लिए केएल विश्वविद्यालय विजयवाड़ा द्वारा डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया है. उन्होंने डॉ एम किशोर बाबू, प्रोफेसर और डीन मैनेजमेंट, ह्यूमैनीटीज़, और साइंसेज और डॉ जगदीश अन्ने के मार्गदर्शन में एट्रिशन मूल्यांकन तकनीकों और एट्रिशन को कम करने के तरीकों पर शोध किया. साकेत के पास आर्गेनाइजेशन मैनेजमेंट में 12 से अधिक वर्षों का अनुभव है. इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने दुबई से मानव संसाधन में एमबीए की डिग्री प्राप्त की है.
शोध के निष्कर्षों के अनुसारए एट्रिशन के कारण आंतरिक या बाहरी हो सकते हैं. आंतरिक कारक नौकरी की विशेषताओं से संबंधित कारक हैं और बाहरी कारक भूमिका, स्पष्टता, स्वतंत्रता और स्वायत्तता, खराब बॉस, टीम की गलत केमिस्ट्री, काम की परिस्थितियों में अनावश्यक बदलावआदि जैसे कारक हैं.
साकेत रूंगटा को बधाई देते हुएए डॉ बाबू ने कहा कि अनुसंधान एचआर प्रबंधकों और प्रशासकों को यह पहचानने में बहुत मदद करता है कि उनका प्रतिस्पर्धात्मक माइलेज पूंजी या भौतिक संसाधनों के साथ नहीं बल्कि उनके मानव संसाधनों के साथ है. उन्होंने कहा कि शोध कार्य सीधे वर्ककल्चर, सामाजिक समर्थन, वर्क-लाइफ संतुलन, नौकरी के तनाव, दोस्तों के साथ संबंध, प्रबंधन नीतियों और करियर के अवसरों से जुड़ा हुआ है.
इस उपलब्धि पर एसआरजीआई के चेयरमैन संजय रूंगटा, डायरेक्टर अकादमिक डॉ टी रामाराव, असिस्टेंट डायरेक्टर मो शाजिद अंसारी, एसआरजीआई के संस्थानों के प्रिंसिपलगण, एचओडीगण ने साकेत रूंगटा को बधाई दी है.

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