Beyond Earth unfolds the mystery of stars in MJ College

सोना-चांदी से लेकर स्वयं मनुष्य भी खगोलीय घटनाओं की उत्पत्ति – विक्रम

भिलाई। अपने आसपास हम जो कुछ भी देखते हैं, जिस सोने का आभूषण पहनते हैं, यहां तक कि हम स्वयं लाखों वर्ष पूर्व हुई खगोलीय घटनाओं की उत्पत्ति हैं. सूर्य से भी बड़े तारे एक धमाके के साथ खत्म हो जाते हैं और छोड़ जाते हैं आकाशीय धूल का एक गुबार जो फिर से इकट्ठा होकर एक नए पिंड को जन्म देता है. ऐसी ही किसी घटना से पृथ्वी का जन्म हुआ और ऐसी ही किसी घटना से एक दिन सूर्य भी चला जाएगा. उक्त जानकारी प्रसिद्ध ‘स्काई गेजर’ विक्रम विरुलकर ने एमजे कालेज के विद्यार्थियों को दी. 
विज्ञान संकाय द्वारा आयोजित अतिथि व्याख्यान देते हुए ‘बियॉण्ड अर्थ’ के संचालक विक्रम विरुलकर ने कहा कि खगोलीय घटनाएं मनुष्य को सदियों से आकर्षित करती रही हैं. जैसे जैसे विज्ञान का विकास हो रहा है, अंतरिक्ष के नए-नए रहस्य सामने आ रहे हैं. मनुष्य ने काफी कुछ जान लिया है पर अभी बहुत कुछ जानना शेष है. ‘स्काई गेजर’ लगातार आकाश की निगरानी करते हैं और अंतरिक्ष में झांकने की कोशिश करते रहते हैं.


उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में उनकी रुचि बचपन से ही थी. जिज्ञासा इतनी प्रबल थी कि उसका उत्तर किसी क्लासरूम में नहीं मिल सकता था. उन्होंने अपने पैशन को जीवित रखा और अंतरिक्ष का अध्ययन करते रहे. इसके चलते उनका कालेज भी छूट गया. फिर कुछ नौकरियां भी कीं पर कहीं भी मन नहीं लगा. फिर उन्होंने स्काई गेजिंग को ही अपना प्रफेशन बना लिया.


विक्रम ने बताया कि स्काई गेजिंग करने के अलावा वे लोगों के लिए स्काई गेजिंग कैम्प का भी आयोजन करते हैं. कुछ लोगों को लेकर शहर से 100-200 किलोमीटर दूर किसी एकांत ऊंची जगह पर चले जाते हैं जहां कृत्रिम रोशनी नहीं होती. यहां से आकाश के बेहतर नजारा हो पाता है. अंतरिक्ष और खगोलीय घटनाओं के प्रति बच्चों और युवाओं मे रुचि जागृत करने की कोशिश करते हैं. उन्हें उम्मीद है कि इससे विद्यार्थियों में जिज्ञासा उत्पन्न होगी और वे उसका विज्ञान सम्मत हल ढूंढने का प्रयास करेंगे.
इस अवसर पर महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर, प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन, एमजे कालेज (फार्मेसी) के प्राचार्य विजेन्द्र सूर्यवंशी, सभी महाविद्यालयों के व्याख्याता एवं सहायक प्राध्यापक एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे. श्री विरुलकर एवं उनकी पत्नी मनाली विरुलकर महाविद्यालय के “लाइट हाउस” कार्यक्रम में भी शामिल हुए जिसे यूट्यूब पर लाइव किया गया.

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