Scientific Summit in VYT Science College

विश्वनाथ तामस्कर साइंस काॅलेज में साइंटिफिक समिट का आयोजन

दुर्ग. शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद के क्वार्डिनेशन प्रकोष्ठ द्वारा साइंटिफिक समिट कार्यक्रम का आयोेजन किया गया. प्रकोष्ठ के समन्वयक डाॅ अजय सिहं थे. छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद को समन्वयक प्रकोष्ठ महाविद्यालय में वर्ष 2018 से स्थापित है यह प्रकोष्ठ विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में नवीन प्रविष्टियों पर संगोष्ठि, कार्यषालाओं, का आयोजन करती है. इसका मुख्य उद्देष्य राज्य के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक प्रतिभाओं को खोजना है. कार्यक्रम में ज्यूरी मेंम्बर्स डाॅ. वाय आर कटरे, डायरेक्टर, कृष्णा इंजिनियरिंग कालेज भिलाई डाॅ. विष्णु अग्रवाल एन आई टी अलाहबाद, प्रो. मनीष कालड़ा, खुबचंद बघेल महाविद्यालय भिलाई थे. डाॅ. कटरे ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमे विज्ञान के प्रति अपने जिज्ञासाओं एवं उपलब्धियों को सतत् रूप से जारी रखने की आवष्यकता है. डाॅ. विष्णु अग्रवाल ने विद्यार्थियों को सबोधित करते हुए कहा की महाविद्यालय का वातावरण विष्वविद्यालय के जैसा है. यहां कम संसाधनों में भी शोध का स्तर बहुत अच्छा है. प्रो. मनीष कालड़ा ने कहा की मानव हित में पूर्व में किए गए अन्वेषणोें को सुधारना एवं सामाजिक उत्थान के लिए किया गया नवाचार ही असली शोध है और यही भावना युवाओं में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न करती है. महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. आर.एन. सिंह ने अपने उद्भोदन मंे कहा कि भारत की युवा आबादी से वैष्विक स्तर पर सभी को अपेक्षाएं है और हमे इस अपेक्षा पर खरा उतरना है.
उद्घाटन समारोह के पश्चात प्रथम तकनीकी सत्र में कुल चार विभागों से फैकल्टि मेम्बर्स के द्वारा मौखिक शोध पत्र प्रस्तुत किये गये.जिनमें कैंसल सेल का प्रोलिफिरेषन, मल्टीफंक्सनल नैनो फाइबर्स का निर्माण मटेरियलस साईंस तथा सिमुलेषन एवं छत्तीसगढ़ में साइंस के क्षेत्र में शोध की दिषा पर शोध पत्र प्रस्तुत हुए. द्वितीय तकनीकी सत्र में विभिन्न विभागों के 6 शोध विद्यार्थियों ने बर्ड डायवर्सिटी और पौधों के एन्टीडायबिटिक पोटेंषियल तथा छत्तीसगढ़ में एडवांस रिसर्च पर अपना शोध प्रस्तुत किया. तीसरे तकनीकी सत्र में विभिन्न विभागों कें शोधार्थियों एवं एमएससी विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न विषयांे पर कुल 14 पोस्टर प्रस्तुत किये गये. अंतिम तकनीकी सत्र में एमएससी विद्यार्थियों द्वारा कुल 9 शोध पत्र पढ़े गये , इसमे उभरते हुए युवा प्रतिभाओं ने विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर अत्यंत रोचक तरीके से अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया जिसमें गाय के गोबर से पेंट का निर्माण, अर्जुन के पौधे से दवाइयों का निर्माण, जल विषाक्तता, मालेकुलर बायोलाजी, जैविकखाद्य तथा माॅडलिंग एवं सिमुलेषन प्रमुख थे.
कार्यक्रम के समापन समारोह में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डाॅ. अनुपमा अस्थाना, डाॅ. जगजीत कौर सलूजा एवं डाॅ. अनिल कुमार ने प्रतिभागीयों को संबोधित किया तथा उन्हे अपने शुभकामनाए प्रेषित की. प्रत्येक कैटगरी में अलग-अलग वैज्ञानिकों के नाम पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान के लिए सर्टिफिकेट प्रदान किये गये.
इस कार्यक्रम में बहुत बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं प्राध्यापकगण उपस्थित रहें. कार्यक्रम का संचालन डाॅ. श्वेता पाण्डेय ने किया. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. सतीष सेन द्वारा दिया गया.

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