National Seminar in Khursipar College

छत्तीसगढ़ में पर्यावरण संरक्षण एवं विकास एक-दूसरे के पूरक

खुर्सीपार काॅलेज में पर्यावरण पर राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन

भिलाई। छत्तीसगढ़ में पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ विकास गतिविधियों को भी गति देना आवष्यक है. ये दोनों एक दूसरे के पूरक है ये उद्गार दुर्ग संभाग के आयुक्त, महादेव कावरे ने व्यक्त किये. श्री कावरे मोहन लाल जैन शासकीय महाविद्यालय, खुर्सीपार में छत्तीसगढ़ के पर्यावरण एवं विकास पर आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रहे थें. श्री कावरे ने बड़ी संख्या में उपस्थित शोधार्थियों एवं प्राध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को पर्यावरण संरक्षण हेतु अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए.
कार्यक्रम में विषिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित उच्च शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व अपर संचालक, डाॅ. अंजनी कुमार शुक्ला ने छत्तीसगढ़ में विकास कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि किसी भी शहर का संधृत विकास आज की प्रमुख आवश्यकता है.
सेमीनार का संचालन वनस्पति शास्त्र की प्राध्यापक, डाॅ. पूर्णिमा सेठ ने किया. सेमीनार की संयोजक डाॅ. सुनीता मिश्रा ने सेमीनार की थीम का विस्तार से विश्लेषण किया. धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव, डाॅ. विनोद साहू ने किया.
सेमीनार के प्रथम दिन शोधार्थियों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत करने के साथ-साथ विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के डाॅ. गोपाल कृष्ण शर्मा तथा छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल की वैज्ञानिक डाॅ. अनिता सावंत ने पर्यावरण एवं विकास से संबंधित ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया. इसके अलावा रिसोर्स परसन के के रूप में साइंस काॅलेज, दुर्ग के डाॅ. अनिल कुमार तथा स्वरूपानंद काॅलेज, भिलाई की प्राचार्य, डाॅ. हंसा शुक्ला ने भी अपना आमंत्रित व्याख्यान दिया. इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग, रायपुर के अपर संचालक, डाॅ. सी.एल देवांगन तथा पुलिस महानिरीक्षक, रतन लाल डांगी भी उपस्थित थे.
सेमीनार के दूसरे दिन हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव ने पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से ग्लोबल वार्मिंग पर विस्तार से जानकारी दी. द्वितीय सत्र में समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उच्च षिक्षा विभाग, दुर्ग के अपर संचालक, डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ में पर्यावरण की स्थिति पर प्रकाश डाला. साइंस काॅलेज, दुर्ग के प्राचार्य, डाॅ. आर.एन सिंह तथा वरिष्ठ वनस्पति शास्त्री, प्रो. पी सी पंडा ने भी अपने विचार रखें. कार्यक्रम के समापन पर संयोजक डाॅ. सुनीता मिश्रा एवं आयोजन सचिव, डाॅ. विनोद साहू ने दो दिवसीय सेमीनार की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया. वनस्पति शास्त्री डाॅ. पूर्णिमा सेठ ने भी छत्तीसगढ़ के पर्यावरण पर अपने विचार रखे. पर्यावरण संरक्षण के संदेष से सभी अतिथियों को पौधे भेंट किये गये. पर्यावरण संरक्षण के संकल्प के साथ इस दो दिवसीय सेमीनार का समापन हुआ.

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