एमजे कालेज में ‘जिन्दगी न मिलेगी दोबारा’ का आयोजन
भिलाई। एमजे कालेज में आज ‘जिन्दगी न मिलेगी दोबारा’ के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इडस्ट्रीज द्वारा विभिन्न स्टेक होल्डर्स के सहयोग से संचालित किया जाता है. आज आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य चर्चा, उद्यमिता, साइबर सुरक्षा एवं यातायात सुरक्षा पर केन्द्रित रहा.
आरंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने चैम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के बीच पहुंचकर चैम्बर जो काम कर रहा है उसकी सराहना की जानी चाहिए. चैम्बर की इस पहल के दूरगामी परिणाम होंगे.
इस अभियान के जनक चैम्बर के प्रदेश महामंत्री अजय भसीन ने ‘जिन्दगी न मिलेगी दोबारा’ कार्यक्रम को प्रारंभ करने के पीछे एक ही मंशा थी कि लोगों को अपनी सेहत और सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सके. इसमें सकल समाज के सहयोग की आवश्यकता है. इसलिए स्कूल कालेजों के माध्यम से शिक्षकों को इस अभियान का ब्रांड एम्बेसेडर बनाने की कोशिश की जा रही है. बीच में कोविड काल के दौरान अभियान बंद करना पड़ा था पर अब यह फिर से शुरू हो गया है. एमजे कालेज में उनकी टीम तीसरा बार पहुंची है.
इस अवसर पर वेलनेस कोच असीम सहगल ने फिट और निरोग रहने पर अपना वक्तव्य रखा. युवा उद्यमी महेश बंसल ने विद्यार्थियों को जॉब सीकर बनने की बजाय उद्यमी बनने की प्रेरणा दी. उन्होंने बताया कि जमाना बदल गया है. पहले लोग लोन मांगने के लिए घूमते थे अब बैंक लोन देने के लिए पीछे पड़ जाते हैं. वहीं पुलिस काउंसलर सुमन कन्नौजे ने युवाओं, विशेषकर युवतियों को सोशल मीडिया और ऐप्स के प्रति सावधान करते हुए बताया कि हमारी चुप्पी और डर ही साइबर अपराधियों का हथियार है. यदि हमने तत्काल पुलिस को खबर कर दी तो इसपर रोक लगाई जा सकती है. साथ ही हमें सोशल मीडिया और ऐप्स के इस्तेमाल में सावधानी बरतनी चाहिए.
अंत में महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि हमें अपने जीवन का भरपूर उपयोग करने के लिए स्वयं को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के साथ ही उन खतरों से भी सावधान रहना चाहिए जो आधुनिक जीवन के साथ जुड़े हैं.
कार्यक्रम का संचालन शिक्षा संकाय की सहायक प्राध्यापक आराधना तिवारी ने किया. कार्यक्रम के दूसरे चरण में यातायात पुलिस के अधिकारियों ने विद्यार्थियों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करते हुए उनसे सावधान रहने की अपील की. साथ ही ड्राइविंग टेस्ट का आयोजन कर विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप हेलमेट प्रदान किये.