45 villages set up Bartan Bank to contain use of disposables

दुर्ग जिले के 45 गांवों में बर्तन बैंक की स्थापना, डिस्पोजेबल को रोकने उठाया कदम

भिलाई. शादी-ब्याह, छठी, मृत्युभोज आदि संस्कार में लोगों को जिमाने के लिए अब डिस्पोजेबल प्लेट, गिलास या अन्य बर्तनों का उपयोग नहीं होगा. जिले के 45 गांवों ने प्लास्टिक मुक्त होने का संकल्प लिया है. ऐसे अवसरों पर बर्तनों की आपूर्ति बर्तन बैंक से की जाएगी. मामूली किराया देकर यहां से बर्तन लिये जा सकेंगे. इन 45 गांवों की ग्राम सभाओं ने फैसला लिया है कि अब सामूहिक आयोजनों में डिस्पोजल थाली, कटोरी, गिलास और चम्मच का उपयोग पूरी तरह बंद होगा.
जिला प्रशासन ने गांवों को प्लास्टिक मुक्त बनाने का अभियान छेड़ा है. 300 गांवों में से 45 में बर्तन बैंक स्थापित हो चुके हैं. जिला पंचायत के सीईओ बजरंग दुबे ने बताया कि इसमें महिला स्व-सहायता समूहों की भूमिका अहम है, जो प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में ग्रामीणों को जागरूक कर रही हैं. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत हर गांव में बर्तन बैंक स्थापित किया जा रहा है. दुर्ग, धमधा और पाटन जनपद पंचायतों में हर महीने 10 से 15 नए गांवों में बर्तन बैंक खोलने का लक्ष्य है.
ग्राम पचपेड़ी में जागृति महिला स्व-सहायता समूह ने 7,000 रुपए में 100 थालियां और 50 गिलास खरीदा है. रिसामा, उमरपोटी, मंचादुर, गनियारी, मोहलाई, खुरसुल, डुमरडीह, पाउवारा, पुरई, बोरीगारका, सिलोदा (खपरी), खेदामारा, अरसनारा, भानपुरी, मालुद (बेलौदी), कोनारी, रसमड़ा, थनौद, खोपली, नगपुरा, चिखली, हनोदा, मतवारी, अंजोरा (ख), आलबरस, करगाडीह, निकुम, ढौर और पिसेगांव; जनपद पंचायत धमधा के तरकोरी, नवागांव (पु); और जनपद पंचायत पाटन के अरसनारा, आंधी, बेलौदी, बोरेन्दा, दरबारमोखली, ढौर, करसा, कौही, खर्रा, कुम्हली, पचपेड़ी, पतोरा, सेलूद और तर्रा में बर्तन बैंक स्थापित हो चुके हैं.
जागरूकता के बाद जुर्माने की तैयारी
सरपंच हुकुमचंद ने बताया कि अभी ग्रामीणों से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने का आग्रह किया जा रहा है. अगले छह महीनों तक जागरूकता अभियान चलेगा. इसके बाद भी नियम न मानने वालों पर ग्राम सभा में जुर्माने का प्रस्ताव लाया जाएगा.

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