योग एवं पर्यावरण के बीच है सीधा संबंध – डाॅ. अजय कुमार सिंह
दुर्ग। योग एवं पर्यावरण का सीधा संबंध है. योग आसनों में वृक्षासन, ताड़ासन आदि शब्दों का प्रयोग होता है. हमें अपने शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ-साथ पर्यावरण का संरक्षण भी करना चाहिए. ये उद्गार साईंस कालेज, दुर्ग के प्राचार्य डाॅ. अजय कुमार सिंह ने विश्व योग दिवस पर व्यक्त किये. डाॅ. सिंह ने कहा कि हमें केवल दिन नही बल्कि पूरे वर्षभर अपने सामर्थ के अनुसार योगाभ्यास करना चाहिए. योग से हमारा तन एवं मन दोनों स्वस्थ रहता है.
डाॅ. सिंह आज शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में पी.वी. सिंधू, बैडमिंटन हाॅल में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में अपने उद्गार व्यक्त कर रहे थे. ईश्वर की आराधना के साथ आरंभ हुये योगाभ्यास समारोह में मुख्य प्रशिक्षक महाविद्यालय की योग शिक्षिका डाॅ. नीरा सिंह ने योग के महत्व को बताते हुये बड़ी संख्या में उपस्थित प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं को योगाभ्यास कराया. योगाभ्यास के दौरान विभिन्न प्रकार के बैठकर, खड़े होकर तथा जमीन पर लेटकर किये जाने वाले विभिन्न आसनों की उपयोगिता एवं उसके शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों का भी डाॅ. नीरा सिंह ने विस्तार से विष्लेषण किया. डाॅ. नीरा सिंह ने बताया कि अनलोम, विलोम तथा प्रणायाम जैसे आसन शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ नई ऊर्जा का संचार भी करते हैं.
बैडमिंटन हाॅल में उपस्थित प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों तथा छात्र-छात्राओं ने निष्ठापूर्वक योगाभ्यास करते हुए संपूर्ण वर्षभर योगाभ्यास करने का संकल्प लिया. उल्लेखनीय है, कि साईंस कालेज, दुर्ग में पीजी डिप्लोमा इन योगा साईंस एण्ड फिलासाॅफी का दो सेमेस्टर युक्त एक वर्षीय पाठ्यक्रम संचालित है, जिसमें 30 सीटें उपलब्ध है.