मामूली संक्रमण से कैंसर तक कई समस्याएं लेकर आती है पौरुष ग्रंथि : डॉ नवीन वैष्णव
भिलाई। पौरुष ग्रंथि या प्रोस्टेट पुरुषों में पाई जाने वाली वह ग्रंथि है जो बढ़ती उम्र के साथ समस्याओं को जन्म दे सकती है. समस्याओं का यह सिलसिला मामूली संक्रमण से लेकर कैंसर तक जा सकता है. हालांकि सही समय पर जांच एवं इलाज से इसका सम्पूर्ण इलाज संभव है.
हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट एवं ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ नवीन वैष्णव बताते हैं कि आम तौर पर 50 से अधिक उम्र के लोगों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है. प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों में मूत्राशय के नीचे स्थित एक ग्रंथि है जो वीर्य के लिए एक तरल पदार्थ का उत्पादन करती है. यह मूत्रमार्ग को घेरती है और वीर्य के साथ मिलकर शुक्राणु को पोषण और सुरक्षा प्रदान करती है. उम्र के साथ प्रोस्टेट का आकार बढ़ सकता है, जिससे पेशाब संबंधी समस्याएं होती हैं, और प्रोस्टेटाइटिस (सूजन) और प्रोस्टेट कैंसर जैसी स्थितियां भी इससे जुड़ी हैं.
डॉ वैष्णव बताते हैं कि प्रोस्टेट में सूजन दो तरह से हो सकती है. यदि इसका आकार बाह्य तौर पर बड़ा हो रहा हो तो आम तौर पर मूत्र संबंधी समस्या नहीं होती. पर यदि सूजन भीतर की तरफ हो तो इससे मूत्र मार्ग पर दबाव उत्पन्न होता है जिससे मूत्र त्याग करने में समस्या आती है. अक्सर यही प्रोस्टेट के रोगों का पहला लक्षण भी होता है.
उन्होंने बताया कि प्रोस्टेट के संक्रमण का इलाज जहां औषधियों के द्वारा किया जाना संभव है वहीं बाधा उत्पन्न करने की स्थिति में प्रोस्टेट को सर्जिकली हटा दिया जाता है.
डॉ वैष्णव ने कहा कि बढ़ती आयु में पेशाब की किसी भी समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए. इससे समस्या को गंभीर होने से रोका जा सकता है. मूत्र मार्ग के अवरुद्ध होने पर किडनी जनित समस्याएं पैदा हो सकती हैं जिसके दूरगामी परिणाम भी हो सकते हैं.