ENT surgery workshop in Bhilai

दुर्घटनाग्रस्त चेहरे की हड्डी की सर्जरी पर ईएनटी विशेषज्ञों की राष्ट्रीय कार्यशाला सम्पन्न

भिलाई। किसी हादसे में सिर पर लगी गंभीर चोटों के साथ ही चेहरे पर भी गहरे जख्म हो सकते हैं. चेहरे की टूटफूट के इलाज की सुविधा अब भी बड़े शहरों तथा मेडिकल कालेजों तक ही सीमित है. इसी दिशा में अपनी प्रयास तेज करते हुए एसोसिएशन ऑफ ऑटोलैरिंगोलॉजिस्ट्स ऑफ इण्डिया ने एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन यहां किया. कार्यशाला में कैडेवरिक डेमोंस्ट्रेशन के साथ ही स्कल मॉडल्स पर प्रशिक्षुओं को हैण्डस-ऑन ट्रेनिंग दी गई.

एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ एके गर्ग ने बताया कि देश में प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख सड़क हादसे होते हैं. अधिकांश मामलों में हेड इंजरी शामिल होती है. इनमें से लगभग ढाई लाख लोगों की मौत हो जाती है. 6 एवं 7 सितम्बर को एआईएमएम मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च में आयोजित इस दो दिवसीय कार्यशाला में इन्हीं चोटों के विषय में विशेषज्ञों ने विस्तृत जानकारी दी. प्रशिक्षुओं को कैडेवर की मदद से फेस तथा स्कल में लगने वाली चोटों के बारे में विस्तार से बताया गया. जबड़े तथा चेहरे की टूटी-फूटी हड्डियों को प्लेट और स्क्रू की सहायता से व्यवस्थित करने की हैंड्सऑन ट्रेनिंग दी गई. विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि आज इनमें से अधिकांश सर्जरियां दूरबीन पद्धति से किया जाना भी संभव हो गया है.

इस कार्यशाला में चेन्नई से डॉ जयंत पी और मुम्बई के विशेषज्ञ डॉ राजेश यादव भी शामिल हुए. इस अवसर पर पीजी स्टूडेंट्स के लिए एक क्विज का भी आयोजन किया गया जिसमें रूंगटा कॉलेज ऑफ डेन्टल साइंसेज की टीम विजयी रही. एसोसिएशन की तरफ से उपाध्यक्ष डॉ आदित्य मेठी, सचिव डॉ सुनील नेमा, संयुक्त सचिव द्वय डॉ मयुरेश वर्मा एवं डॉ आरएस गौर, डॉ अनुज गुप्ता, डॉ सीमा पति, डॉ नमन पिंचा, कोषाध्यक्ष डॉ अपूर्व वर्मा, डॉ अभिराज तिवारी, डॉ शुभम अग्रवाल एवं डॉ अलेख सिदार ने कार्यशाला को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया. कार्यशाला में ईएनटी सर्जनों के अलावा डेन्टल सर्जन एवं प्लास्टिक सर्जन भी सम्मिलित हुए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *