भिलाई के सपूत ने भारतीय सेना के लिए किया बड़ा काम, तोपों का संधारण होगा आसान
भिलाई। भिलाई के कर्नल पी हानी ने भारतीय थल सेना की तोपों के संधारण के लिए आर्टिफिशल इंटेलीजेंस का उपयोग कर एक ऐसी तकनीक ईजाद की है जो तोपों को तैयार रखने और संधारण खर्चों में कटौती करने में सहायक होगी। यह तकनीक तोपों के इंजन की जांच कर खामियों का पता लगाती है और उसे ठीक करने के उपाय भी सुझाती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेना दिवस पर उनका सम्मान किया। कर्नल हानी सीनियर सेकेण्डरी स्कूल सेक्टर-10 के 1990 बैच के पासआउट हैं।
उनके पिता एस प्रभाकरण नायर भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी थे। हानी भारतीय मिलिटरी कालेज सिकन्दराबाद के कम्प्यूटर सिस्टम्स विभाग का नेतृत्व करते हैं। उन्होंने टैंकों की मरम्मत और संधारण के लिए आर्टिफिशल इंटेलीजेंस का सहारा लिया। यह सिस्टम शांतिकाल में टैंकों की जांच करता है और तकनीकी गड़बड़ियों का पता लगाकर उसके संधारण के उपाय भी सुझाता है। इससे न केवल टैंकों को युद्ध के लिए तैयार रखने का काम आसान हो जाता है बल्कि समय और पैसों की बचत भी होती है।
थल सेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें सम्मानित किया। यह सम्मान उन अधिकारियों को दिया जाता है जो सेना के रोजमर्रा के कार्यों में सुधार के लिए नवोन्मेष कर कार्य के प्रति अपने समर्पण और अपनी दक्षता का परिचय देते हैं।