ब्रिटेन में “फ्रीडम डे” कोविड प्रोटोकॉल अब निजी मामला
लंदन। इंग्लैंड में एक साल से ज्यादा समय तक लागू रहे लॉकडाउन, मास्क संबंधी अनिवार्यता और कोविड-19 महामारी से संबंधित पाबंदियां सोमवार को हटा दी गईं। मीडिया ने इसे “फ्रीडम-डे” कहा है। मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग को अब लोगों के च्वाइस पर छोड़ दिया गया है। सड़कों से लेकर बार, नाइटक्लब और डांस फ्लोर पर लोगों ने इस “स्वतंत्रता” का जमकर जश्न मनाया।नवभारत टाइम्स ने खबर दी है कि लंबे समय बाद लोगों को मास्क लगाने और एक दूसरे से दूर-दूर बैठने जैसी शर्तों से मुक्ति मिल गई है। हालांकि वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है कि ऐसे समय में जब बढ़ रहा है तब ब्रिटेन यह छूट जोखिम भरा हो सकता है।
सोमवार से इंग्लैंड में लगभग 18 महीने बाद नाइटक्लब को खोलने की इजाजत दी गई है और लंदन से लेकर लीवरपूल तक हजारों लोगों ने मध्यरात्रि से ही नाचकर “जश्न-ए-आजादी” मनाना शुरू कर दिया। लंदन के ‘द पियानो वर्क्स क्लब’ गए मार्क ट्रॉय ने कहा, “यह सबसे खुशी का मौका है। हम बीते करीब डेढ़ सालों से ऐसा नहीं कर पा रहे थे इसलिए इसे लेकर हम बहुत उत्साहित हैं।”
जनवरी के बाद से पहली बार पिछले हफ्ते एक दिन में 50 हजार से ज्यादा संक्रमण के नए मामले सामने आए यद्यपि संक्रमण के कारण होने वाली मौत पहले के मुकाबले कम हैं। प्रधानमंत्री बोरिज जॉनसन ने लोगों से संयम बरतने का अनुरोध किया और बीमारी के गंभीर जोखिम के प्रति अब भी सचेत रहने को कहा। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन “फ्रीडम डे” पृथकवास में रहकर गुजार रहे हैं।
उधर डब्ल्यूएचओ ने कहा कि गिरावट की अवधि के बाद एक बार फिर संक्रमण के मामले और मौत बढ़ रहे हैं जिसका एक बड़ा कारण पहली बार भारत में सामने आया बेहद संक्रामक डेल्टा वायरस है। ब्रिटेन के तरह ही इजराइल और नीदरलैंड ने भी व्यापक टीकाकरण के बाद अपने लोगों पर से कई पाबंदियां हटा दी थीं लेकिन संक्रमण के मामले फिर बढ़ने के बाद इनमें से कुछ पाबंदियों को वापस लगाना पड़ा।
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