Hitek saves a leg from amputation

बाबा के इलाज से गंवाने चला था पैर, हाइटेक ने बचाया

भिलाई। एक्सीडेंट के बाद सरकारी अस्पताल में अच्छा खासा इलाज चल रहा था पर कुछ लोगों के बहकावे में आकर वह बाबा की शरण में पहुंच गया। बाबा ने पैर पर जड़ी बूटी का लेप लगा दिया। इधर भीतर नस दबी रही और पैर सूखता चला गया। अंततः वह हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल पहुंचा जहां सर्जरी कर उसके पांव को नया जीवन दिया गया।हाइटेक हॉस्पिटल के सर्जन डॉ नवील कुमार शर्मा एवं अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ राहुल ठाकुर ने बताया कि मरीज कई बार अस्पताल आता रहा। कभी वह हड्डी वाले को तो कभी सर्जरी वाले को दिखाता। घुटने के नीचे उसका पैर काला पड़ चुका था और तेजी से मरता जा रहा था। जब उसे बताया गया कि जल्द ही स्थिति बेकाबू हो जाएगी और पैर काटकर अलग करना पड़ेगा तब जाकर उसने दोबारा सर्जरी कराने की हामी भरी।
डॉ नवील शर्मा ने बताया कि 30 सितम्बर को मरीज को हाइटेक में दाखिल कर लिया गया। सर्जरी कर उसकी दबी नस को मुक्त किया गया। इसके बाद पैर के निचले हिस्से में धीरे धीरे रक्तप्रवाह शुरू हो गया। दो-तीन दिन में ही लगभग मृत पड़े पैर में ऊष्मा महसूस होने लगी और मरीज ने दर्द होने की भी शिकायत की। यह एक अच्छा लक्षण था। हमने कुछ दिन और इंतजार किया और फिर 8 अक्तूबर को उसे छुट्टी दे दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *