स्व सहायता समूह की महिलाएं पालेंगी मछलियां भी, तैयारी पूर्ण
भिलाई। शहरी क्षेत्र के तालाबों में मछली पालन की तैयारी अंतिम चरण में है। शहरी गोठानों के आसपास ही इन तालाबों को विकसित किया जा रहा है। निगमायुक्त प्रकाश सर्वे ने तालाब विस्तारीकरण का जायजा लिया और शीघ्र अति शीघ्र ही से पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही शहरी गौठानों में रोजगार के अनेक प्रकल्प प्रारंभ किये गये हैं जिनमें उत्पादन प्रारंभ हो गया है। इसमें कम्पोस्ट खाद के अलावा कॉस्मेटिक, अगरबत्ती, मशरूम, फल एवं सब्जियों का उत्पादन शामिल है।
सब्जी उत्पादन के लिये महिलाओ ने फसल की पूरी तैयारी कर ली है। फूलों से कॉस्मेटिक एवं अन्य प्रोडक्ट तैयार करने का कार्य भी प्रारंभ हो गया है, इसके लिए फूलों की आवक हो रही है। पशुओ की नियमित स्वास्थ्य जांच पशु चिकित्सक कर रहे है। जहां एक ओर पहले यह स्थल कचरा डंपिंग साइट था अब इसकी तस्वीर धीरे-धीरे बदलते जा रही है। महिलाएं लाभ वर्धक गतिविधियों से लगातार जुड़ते जा रही है। महिलाओं की आय में वृद्धि हो रही है।
नई सोच और नवाचार के माध्यम से शहरी गौठान का स्वरूप बदलते जा रहा है। उल्लेखनीय है कि महापौर नीरज पाल ने गौठान में महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में जोड़ने के निर्देश अधिकारियों को दिए हुए हैं। निरीक्षण के दौरान जोन आयुक्त मनीष गायकवाड, प्रभारी सहायक अभियंता आलोक पसीने, समाज कल्याण विभाग के प्रभारी अधिकारी अजय शुक्ला इत्यादि मौजूद रहे।
निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने शहरी गौठान का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। स्व. सहायता समूह की महिलाओ द्वारा अलग-अलग तरह की लाभवर्धक गतिविधियां अपनाई जा रही है। अगरबत्ती का कार्य प्रारंभ हो चुका है और बड़े तादात में अगरबत्ती बनाया जा रहा है। इसके विक्रय के लिए भी महिलाओ ने व्यवस्था कर ली है ताकि लाभ प्रारंभ हो जाये। मशरूम उत्पादन का कार्य भी प्रारंभिक तौर पर जारी है, प्रशिक्षण मिलने के बाद इस पर प्रायोगिक प्रक्रिया जारी है। मशरूम उत्पादन कक्ष महिलाओं को मिल चुका है जहां मशरूम उत्पादन किया जा रहा है। पशुओ को हरा चारा देने के लिये नेपियर ग्रास एक अलग भूभाग पर तैयार किया गया है, इसके अतिरिक्त बरसीम घास भी लगाया जाएगा, वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिये और रोटेशन बरकरार रखने के लिए लगभग 100 कम्पोष्ट टैंक तैयार किये जा चुके है।












