CG Proposal for Organ Transplant under Ayushman

अब लिवर, बोन मैरो ट्रांसप्लांट भी होगा आयुष्मान कार्ड से

रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार आर्गन ट्रांसप्लांट समेत 25 तरह के इलाज अब डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना (आयुष्मान योजना) के तहत करने की तैयारी कर रही है. आयुष्मान या किसी भी अन्य सरकारी स्कीम में अभी इसके लिए कोई पैकेज नहीं है. ऐसे मरीजों को अब तक डाक्टर के एस्टीमेट पर मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के तहत मदद उपलब्ध कराई जाती थी. स्वास्थ्य विभाग ने आर्गन और कैडेबर ट्रांसप्लांट के पैकेज के साथ प्रस्ताव केंद्र सरकार की नेशनल हेल्थ एजेंसी को भेज दिया है. इस प्रस्ताव में एमआरआई और सीटी स्कैन का खर्च भी शामिल है.
राज्य के सरकारी अस्पतालों में बहुत जल्द ऑर्गन ट्रांसप्लांट और कैडेबर डोनेशन एंड ट्रांसप्लांट शुरू होने जा रहा है. केंद्र हर साल पैकेज रिवाइज करती है, यह कवायद इसी के तहत है. गौरतलब है कि राज्य में 2300 बीमारियों का इलाज योजना के तहत जारी है. आयुष्मान (प्रदेश में डा. बघेल सहायता योजना) में केंद्र की भागीदारी 60 और राज्य की 40 प्रतिशत है. केंद्र का अंश बीपीएल परिवारों के लिए है. शेष परिवारों के इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है. किडनी ट्रांसप्लांट का खर्च पहले राज्य सरकार वहन करती थी.
किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अभी 4 से 6 लाख, लिवर के लिए 18 से 20 लाख और बोन मैरो के लिए 12 से 20 लाख रुपए स्वीकृत किए जा रहे हैं। पहली जनवरी 2020 से जून 2022 तक बोनमैरो के 63, किडनी के 56 और लिवर ट्रांसप्लांट के 13 केस में राज्य सरकार ने इलाज के लिए रकम मंजूर की है।
स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सरकारी व निजी क्षेत्र के डॉक्टरों से चर्चा कर, 25 और बीमारियों को योजना से जोड़ने का प्रस्ताव एनएचए को भेज दिया है. इनमें हार्ट, ब्रेन, लंग्स के साथ कुछ रिप्लेसमेंट सर्जरी भी हैं. दवाइयों में कैंसर की हाई एंड ड्रग, एल्बोमिन, हीमोग्लोबिन के साथ यूएसजी गाइडेड बायोप्सी को भी जोड़ रहे हैं.
राज्य में कैडेबर डोनेशन एंड ट्रांसप्लांट के नियम तथा राज्यस्तरीय समिति भी बन गई है। अस्पतालों का पंजीयन शुरू हो चुका है। पांच निजी अस्पतालों, डीकेएस हॉस्पिटल और एम्स रायपुर में कैडेबर डोनेशन एंड ट्रांसप्लांट शुरू होंगे। यानी ब्रेन डेड मरीजों के ऑर्गन डोनेट करवाए जा सकेंगे।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कुल 67.50 लाख परिवारों में से 56 लाख परिवार आयुष्मान में पंजीकृत हैं. इसके तहत 2300 बीमारियों के इलाज में मदद की जाती है. अब इसमें 25 और शामिल हो जाएंगी. बीपीएल परिवारों को मिलने वाली 5 लाख तक की चिकित्सा सहायता से ऊपर की राशि भी मुख्यमंत्री सहायता योजना से दी जाती है.

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