IQAC Meet at SSSSMV Bhilai

गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा पर स्वरूपानंद कॉलेज की आईक्यूएसी ने किया मंथन

भिलाई। उद्योग, सरकार, मीडिया और उच्च शिक्षा के बीच तालमेल बनाकर महाविद्यालय का विकास करने, विद्यार्थियों के बेहतर प्लेसमेंट व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करने स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) ने मंथन किया. आईक्यूएसी प्रभारी डॉ शिवानी शर्मा ने महाविद्यालय में गठित विविध समितियों व सेल की जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षा में नवाचार लाने के साथ ही शैक्षणिक भ्रमण, शोध, पेटेंट व कापीराईट के लिये विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाता है.


बैठक की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला की. उन्होंने बताया कि अकादमिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिये महाविद्यालय ने कई प्रयास किये हैं. नयी शिक्षा तकनीकि जैसे व्यवसायिक नियमन रुपरेखा जैसे जटिल विषय वस्तु को अंताक्षरी के माध्यम से पढ़ाया जाता है. आधार पाठ्यक्रम हिन्दी में सम्मिलित मुहावरे व लोकोक्तियों को डम्बसराज के माध्यम से खेल-खेल में सिखाया जाता है. क्रास वर्ड पजल, फ्लीप द टींचिग का प्रयोग कर विषय को रुचिकर बनाया जाता है.
इंडस्ट्री प्रतिनिधि सिम्पलेक्स कास्टिंग लिमिटेड की प्रबंध संचालक संगीता केतन शाह ने भविष्य में छात्रों के साथ संवाद करने और उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था करने का वादा किया. उन्होंने बताया विद्यार्थी विषय का व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त कर बेहतर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं.
बाह्य विशेषज्ञ शासकीय महाविद्यालय उतई के सहायक प्राध्यापक अवधेश श्रीवास्तव ने बताया कि विद्यार्थियों की नियमित इकाई परीक्षा लेना और उसका रिकार्ड रखना चाहिये. फ्लिप द क्लासरूप कंसेप्ट के तहत सीनियर विद्यार्थियों द्वारा जूनियर विद्यार्थियों को पढ़ाया जा सकता है.
बाहरी विशेषज्ञ विश्वनाथ यादव तामस्कर महाविद्यालय दुर्ग की भौतिक शास्त्र की प्राध्यापक डॉ जगजीत कौर सलूजा ने नैक रेकिंग में सुधार के लिये कई सुझाव दिये. उन्होंने बताया कि विषय विशेषज्ञ के माध्यम से आईपीआर व प्लेगेरिजम टेस्ट पर एफडीपी आयोजित की जा सकती है. नई शिक्षा नीति में कोर्स में बदलाव आया है उसके चैप्टर लिख सकते हैं. प्राध्यापकों को अपने रिसर्च का पेटेंट भी करवाना चाहिए.
मिडिया प्रतिनिधि दीपक रंजन दास ने बताया वर्तमान शिक्षा पद्धति केवल सर्टिफिकेट के बल पर नौकरी ढूंढना सिखाती है. एक तरफ जहां विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के बाद भी नौकरी नहीं मिलती वहीं इंडस्ट्री को शिकायत है कि काम के लिये योग्य लोग नहीं मिलते. उन्होंने ऐसे कौशल के विकास पर जोर दिया जिसमें रोजगार के नवीन क्षेत्रों में बिना निवेश के भी रोजगारपरक कार्य प्रारंभ किये जा सकें.
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ प्रीति मिश्रा ने भी अपने सुझाव दिये. बैठक का समन्वय व संचालन डॉ शिवानी शर्मा विभागाध्यक्ष बायोटेक ने किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ शमा ए बेग विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी ने किया. बैठक में आईक्यूएसी प्रकोष्ठ की सदस्य डॉ रजनी मुदलियार सप्रा, डॉ सुनीता वर्मा सप्रा, मीना मिश्रा सप्रा, खुशबू पाठक सप्रा, श्रीलता के नायर सप्रा उपस्थित हुये। छात्र सदस्य के रुप में नेहा रॉय बीकॉम द्वितीय वर्ष, प्रणव साहू बीबीए तृतीय सेमेस्टर, नम्रता देवनाथ बीसीए द्वितीय सेमेस्टर, एलुमुनाई ऋतिका बंसल, अदिती, रानीकुजुर उपस्थित हुए.

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