AIDS Awareness at SSSSMV

स्वरूपानद की टीम ने लाल फीता लगाकर किया एड्स के प्रति जागरूक

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद महाविद्यालय की आईक्यूएसी, रेडरिबन क्लब एवं राष्ट्रीय सेवा योजना तथा बॉयो टेक्नोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एड्स दिवस पर एचआईवी जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया. मुख्य वक्ता के रूप में डॉ रूचिता दीक्षित एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में समाज सेविका बिन्दु नायर उपस्थित हुई. एनएसएस नोडल ऑफिसर सहायक प्राध्यापक संयुक्ता पाढ़ी ने बताया एड्स की जानकारी ही बचाव का सबसे अच्छा उपाय है अनेक दवाईयों के होते हुए भी एड्स की भयावहता को कम नहीं किया जा सकता है. एड्स रोग के कारण व बचाव के उपाय बताने के उद्धेश्य से कार्यक्रम का आयेजन किया गया.
डॉ रूचिका दीक्षित ने अपने वक्तव्य में बताया इस वर्ष की एड्स की थीम ‘समानता’ रखी गई है जिसका उद्धेश्य हमारे समाज में फैली हुई असमानता को दूर करके एड्स को पूरी तरह समाप्त करने पर जोर दिया गया है. आज एड्स के बारे में जानने, जागरूक होने का व लोगों के भ्रांतियों को दूर करने का समय है. भारत में एचआईवी अपने पैर फैला रहा है. छत्तीसगढ़ में उन्चालिस से चालीस हजार एचआईवी पीड़ित व्यक्ति है. एचआईवी और एड्स में अंतर बताते हुए डॉ-रूचिका ने बताया की एचआईवी का अंतिम चरण एड्स है एक बार संक्रिमित व्यक्ति को एड्स की अवस्था तक पहुंचने में 20 वर्ष लग जाता है, एड्स के कारण बताते हुये कहा असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित खून चढ़ाने, संक्रमित निडिल का उपयोग करने से व गर्भवती माता अगर एचआईवी पीड़ित है तो बच्चे को हो सकता है. उन्होंने बताया हाथ मिलाने, साथ में खाना खाने, मच्छर के काटने], टायलेट यूज करने सें एड्स नहीं फैलता. उन्होंने बताया कि लिम्फ नोड्स में सूजन, वजन गिरना, दस्त और खांसी, बुखार आना, मुंह में छाले आना, रात में पसीना आना, मसल्स जोड़ों में दर्द आदि लक्षण अगर लगातार तीन से चार महिने तक है तो टेस्ट करा लेना चाहिए. इसका होमकिट टेस्ट आ गया है जो आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध है इसका ईलाज एंटीरेट्रोवाइरल थैरेपी है. उन्होंने बचाव के लिए सेक्स एजुकेशन को स्कूल से अनिवार्य करने की बात कही कंडोम का उपयोग करने व टेस्ट करने के बाद खून चढ़ाने की बात कही.
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.दीपक शर्मा, प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला, उपप्राचार्य डॉ अज़रा हुसैन ने एड्स जैसी गंभीर समस्या के लिये जागरूकता उत्पन्न करने के लिए एनएसएस आईक्यूएसी, रेडरिबन व बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग की सराहना की.
विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों ने समाज में जागरूकता फैलाने के उद्धेश्य से विभिन्न वर्ग के लोगों वरिष्ठ नागरिकों, पुलिस, राजनीतिज्ञ सैनिक आदि को रेडरिबन तथा एनएसएस का प्रतिक चिन्ह लगाया व विद्यार्थियों ने समस्त प्राध्यापकों को बैच लगाया.
मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन संयुक्ता पाढ़ी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी ने किया कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ मंजु कनौजिया, सहायक प्राध्यापक संजना सौलेमोन व अपूर्वा शर्मा ने विशेष योगदान दिया.

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