शैलदेवी महाविद्यालय में शिक्षा नीति पर एक दिवसीय सेमिनार
अण्डा, दुर्ग. हेमचंद यादव विश्वविद्यालय द्वारा 22 फरवरी को यूथ-20 समिट के अंतर्गत शैलदेवी महाविद्यालय में “Indias National Education Policy’ विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में महाविद्यालय के अध्यक्ष राजन कुमार दुबे उपस्थित थे. प्राचार्य डॉ के.एन. मिश्रा, उप प्राचार्य डॉ रश्मि पांडे एवं सभी विभागों के सहायक अध्यापक उपस्थित रहे.
संचालन जितेश मिश्रा ने किया. सेमीनार के दौरान विद्यार्थियों में शिक्षा नीति को लेकर जागरूकता एवं जिज्ञासा दिखाई दी. शिक्षा नीति पर सभी प्रतिभागियों ने पीपीटी के माध्यम से अपने-अपने विचार रखे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति को समझने के लिए उसे तीन भागों में बांटा गया. प्राचीन शिक्षा नीति, मध्यकालीन शिक्षा नीति एवं आधुनिक शिक्षा नीति के आधार पर शिक्षा नीति के गुण-दोषों एवं समसामयिकता पर प्रतिभागियों ने समूहवार अपनी बातें रखीं.
प्रथम समूह के प्रतिभागियों का मानना था कि भारत की प्राचीन शिक्षा आध्यात्मिकता पर आधारित थी. शिक्षा, मुक्ति एवं आत्मबोध के साधन के रूप में थी. वहीं द्वितीय समूह ने मध्यकालीन शिक्षा नीति पर अपना पीपीटी प्रस्तुत किया उन्होंने कहा कि मध्यकालीन शिक्षा नीति पारंपरिक भारतीय शिक्षा प्रणाली से नितांत भिन्न प्रकार की थी. इस शिक्षा प्रणाली को मुस्लिम शिक्षा प्रणाली के नाम से जाना जाता है. तृतीय समूह ने मैकाले की शिक्षा नीति को भारत के प्रति षड्यंत्र बताया.
अच्छे प्रस्तुतीकरण के लिए अध्यक्ष राजन दुबे ने विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन किया और दुर्ग यूनिवर्सिटी के ऐसे कार्यक्रम की सराहना की जिससे विद्यार्थियों का मनोबल और आत्मबल में वृद्धि होती है. कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से वाणिज्य विभाग से जितेश मिश्रा, विज्ञान विभाग से अमित शर्मा, शिक्षा विभाग से सुरेखा साहू ने भरपूर सहयोग प्रदान किया. आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया.