Nurses day celebrated in MJ College of Nursing

एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग में मनाया गया “इंटरनेशनल नर्सेस डे”

भिलाई. क्रीमिया के युद्ध के दौरान एक महिला अपनी सहयोगियों के साथ रात को मोमबत्ती की रौशनी में घायलों की सेवा करती नजर आई थी. बाद में उन्होंने नर्सों की एक टोली को सेवा के लिए तुर्की भी भेजा. युद्ध के बाद के वर्षों में उन्होंने नर्सिंग पर पुस्तक भी लिखी और उनके लिए एक प्रशिक्षण संस्थान भी खोला. इस महिला का नाम था फ्लोरेंस नाइटिंगेल. उन्होंने आधुनिक नर्सिंग का जन्मदाता कहा जाता है.
उक्त बातें एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग द्वारा आयोजित “इंटरनेशनल नर्सेस डे” के अवसर पर जिला अस्पताल दुर्ग की मैट्रन चित्रलेखा बोरकर ने कहीं. मुख्य अतिथि की आसंदी से नर्सिंग छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि करुणा और सेवा का भाव ही नर्सिंग के पेशे को महान बनाता है. उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को इस क्षेत्र में आने की बधाई दी.


आरंभ में स्वागत भाषण देते हुए प्राचार्य प्रो. डैनियल तमिल सेलवन ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए शत-प्रतिशत प्रयासों की जरूरत होती है. इसलिए विद्यार्थी अपना पूरा फोकस विषयों को सीखने और अपने कौशल का विकास करने पर केन्द्रित करें.


उप प्राचार्य डॉ सिजी थॉमस ने सभी विद्यार्थियों को नर्सिंग के क्षेत्र का चुनाव करने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि नर्सिंग सेवा स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी की एक महत्वपूर्ण कड़ी है. सीमित संसाधन इस क्षेत्र के विकास में सबसे बड़ी बाधक हैं. नर्सिंग सेवा को लेकर हमें अपना दृष्टिकोण बदलना होगा तभी इसका पूर्ण विकास संभव हो सकता है. यह चिकित्सा सेवा उद्योग के उनन्यन के लिए भी जरूरी है.
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने माइम शो के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में दी जा रही सेवाओं को प्रस्तुत किया. विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किये गये नृत्यों को भी भरपूर सराहना मिली. इस अवसर पर जिला अस्पताल की आईसीयू प्रभारी मिस शाइनी, महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक ममता सिन्हा, प्रीति अनंत सहित सभी सहायक प्राध्यापक, व्याख्याता एवं इंस्ट्रक्टर सहित विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

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