Terrace garden workshop in SSMV Bhilai

श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में “टेरेस गार्डन” कार्यशाला का आयोजन

भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के इको क्लब (एपेक्स) के अंतर्गत एक दिवसीय टेरेस गार्डन कार्यशाला का आयोजन किया गया. छत या “टेरेस गार्डनिंग” देश में काफी लोकप्रिय है. टेरेस गार्डनिंग से घर केवल सुंदर ही नहीं बन जाता बल्कि हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी इसका अहम योगदान होता है. विभिन्न प्रकार के पौधों को चुनकर आप अपने घर में हरा भरा वातावरण बना सकते हैं.
वनस्पति शास्त्र की वर्षा यादव ने कहा कि टेरेस गार्डन में हम सब्जियां, औषधीय पौधे, बेल वाले एवं छोटे आकार के फल के पौधे, फूल, घास के अलग-अलग किस्म के पौधे लगा सकते हैं. टेरेस गार्डन से घर का ऑक्सीजन स्तर बेहतर होता है. हम गार्डन के आसपास योग कर सकते हैं जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होने के साथ-साथ शरीर का ऑक्सीजन स्तर भी बेहतर होता है जिससे फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं कम होती है.
प्राचार्य डॉ. अर्चना झा ने कहा कि छत पर बने बगीचे सर्दियों में घने होने के कारण ठंडी हवा को रोकते हैं साथ ही गर्मियों में छत को गर्म होने से बचाते हैं. इससे ऊर्जा और धन दोनों की बचत की जा सकती है. साथ ही ध्वनि प्रदूषण को कम करने में बहुत फायदेमंद हो सकती है. टेरेस गार्डन का सबसे लाभ यह है कि यह आस-पास की हवा को शुद्ध करता है.
डीन अकादमिक डॉ. जे दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि छत के बगीचे में विभिन्न प्रकार के पौधे सुन्दरता बढ़ाने और हवा को शुद्ध करने के अलावा पक्षियों को भी आदर्श आवास दे सकते हैं. कोरोना लॉकडाउन के दौरान, सब्जियों के लिए ज्यादा कीमत चुका रहे थे छत पर बागवानी करके आप इस समस्या से कुछ हद तक बच सकते हैं. छत पर बने बगीचे में 10 से 15 मिनट बिताने से तनाव कम करने में मदद मिल सकती है.
कार्यक्रम का संचालन इको क्लब प्रभारी डॉ. सोनिया बजाज एवं महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ संदीप जसवंत डॉ. शिल्पा कुलकर्णी, डॉ. लक्ष्मी वर्मा, श्रीमति मीता चुग की महत्वपूर्ण भूमिका कार्यक्रम को सफल बनाने में रही.

#Terrace_Garden

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