मदकूद्वीप, तरीघाट की विरासत को सहेजने की तैयारी

रायपुर। बिलासपुर के मदकूद्वीप, दुर्ग के तरीघाट, अंबिकापुर के महेशपुर और बलौदाबाजार के डमरू में मिली प्राचीन विरासत को सहेजने का प्रस्ताव पुरातत्व विभाग ने तैयार कर लिया है। इन … Read More

कोरिया से सुकमा तक हर कदम पर होंगे प्रभु श्रीराम के दर्शन

रायपुर। प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान 10 साल छत्तीसगढ़ में व्यतीत किये थे। कोरिया से सुकमा तक उनके यहां पदार्पण के प्रमाण बिखरे पड़े हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने … Read More

जब मगरमच्छों की पीठ पर पैर रखकर पार हो गई सेना

धमधा-बौद्ध। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की धमधा तहसील एवं ओडीशा के बौद्ध जिले के बीच एक अजीबोगरीब संबंध है। बात सन 1630 के आसपास है। उन दिनों बौद्ध में सिद्धभन्जदेव … Read More

धमधागढ़ की विरासत से परिचित हुए देवसंस्कृति के विद्यार्थी

खपरी, दुर्ग। देवसंस्कृति कालेज ऑफ एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों ने धमधागढ़ की प्राचीन धरोहरों का अवलोकन किया। 126 तालाबों के इस गढ़ का वैभवशाली इतिहास यहां के महामाया मंदिर … Read More

द्वापर के इस मंदिर का देवसंस्कृति के विद्यार्थियों ने किया भ्रमण

भिलाई। देवसंस्कृति कॉलेज ऑफ एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों ने द्वापर युग में स्थापित बानबरद विष्णु मंदिर एवं पापमोचन कुण्ड का भ्रमण किया। इस मंदिर का जीर्णोद्धार 16वीं-17वीं शताब्दी में … Read More

डोंगरगढ़ : दो प्रेमियों को मिलाने यहां धरती पर उतरे भगवान

डोंगरगढ़। ईश्वर हमेशा प्रेमियों का साथ देते हैं। प्राचीन कामाख्या नगरी के दरबारी संगीतकार माधवानल और राजनर्तकी कामकंदला का मिलन कराने के लिए माता विमला यहां अवतरित हुईं थीं। उन्हें … Read More

छत्तीसगढ़ की इस पहाड़ी पर मारा गया था भस्मासुर

कोरबा। छत्तीसगढ़ अंचल में अनेक किंवदंतियां प्रचलित हैं। इनमें अनेक असुरों के अंत की कथाएं हैं। इन्हीं में से एक कथा है भस्मासुर की। भस्मासुर ने जब अपने आराध्य शिवजी … Read More

मर कर अमर हो गई बेवफा बैतल रानी, अब होती है पूजा

राजनांदगांव। यह कहानी एक ऐसी रानी की है जिसे एक चरवाहे से प्रेम हो गया था। राजा ने उसे उसके प्रेमी के साथ पकड़ लिया और तलवार से उसके तीन … Read More

करकाभाट की कोख में दफ्न हैं 5000 प्राचीन कब्रें

दुर्ग। कभी दुर्ग जिले का हिस्सा रहे बालोद जिले के करकाभाट में 5000 साल से भी पुरानी कब्रों का इतिहास दफ्न हैं। कहते हैं-कभी यहां सिसकियां सुनी जाती थीं। विशेष … Read More

2500 साल पहले तरीघाट में था व्यापारिक केंद्र, तराशे जाते थे मनके

भिलाई। जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर पाटन-अभनपुर मार्ग पर बसा है तरीघाट। यहां शिवनाथ नदी के किनारे 2500 साल पहले की बसाहट का इतिहास बिखरा पड़ा है। प्रमाण … Read More

बेमेतरा के ग्राम रांका में मिली मां काली की प्राचीन प्रतिमा

बेमेतरा। जिले के बेरला विकासखण्ड के ग्राम रांका मे हॉल ही मे तालाब के पास मैदान मे खुदाई के दौरान निकली मां काली की मूर्ति को संरक्षित किया जायेगा। कलेक्टर … Read More

विलक्षण : प्रवासी पक्षियों को नुकसान पहुंचाने पर ग्रामीण वसूलते हैं जुर्माना

भिलाई। छत्तीसगढ़ की संस्कृति प्राणि मात्र के प्रति करुणा जगाती है। उनका यह करूणा भाव प्रवासी पक्षियों के मामले में भी सामने आता है। गिधवा-परसदा पक्षी महोत्सव को मिला प्रतिसाद … Read More