आपके फूटे चने में भी कहीं खतरनाक डाई तो नहीं, प्रशासन अलर्ट
धमतरी। चना हो या फूटा चना, दोनों ही गरीब आदमी के लिए पौष्टिक आहार का एक श्रोत है। फूटा चना का इस्तेमाल लोग मुर्रा के साथ तो करते ही हैं, उसे यूं ही फांकते भी रहते हैं। पर इसी चने को पीला करने के लिए इंडस्ट्रियल डाई का भी उपयोग किया जा रहा है। इसे रोकने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण नई दिल्ली ने एक अभियान छेड़ दिया है। दरअसल, फूटे चने में इंडस्ट्रियल कलर औरामाईन ‘ओ’ का उपयोग किया जा रहा है। विभाग ने इस संबंध में अलर्ट जारी किया है। संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्राधिकार में रोस्टेड/फूटे चने में इस हानिकारक औद्योगिक डाई के उपयोग पर कड़ी निगरानी एवं प्रभावी प्रवर्तन कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
इसी तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा छत्तीसगढ़ दीपक कुमार अग्रवाल, एवं कलेक्टर अबिनाश मिश्रा के निर्देशानुसार खाद्य एवं औषधि प्रशासन, जिला धमतरी द्वारा जिले में फूटे चने के कारोबार पर सतत निगरानी रखी जा रही है। 17 दिसंबर 2025 को खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा धमतरी जिले के फूटे चने के बड़े व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर दबिश दी गई। संदेह के आधार पर गुरुनानक एजेंसी, धमतरी से फूटे चने का स्टॉक जब्त कर औरामाईन ‘ओ’ की विशेष जांच हेतु राज्य के बाहर स्थित विशेषज्ञ प्रयोगशाला भेजा गया है। साथ ही, गुरुनानक एजेंसी द्वारा फूटे चने का स्टॉक कहां से मंगाया गया एवं किन-किन स्थानों पर वितरित किया गया, इस संबंध में विस्तृत जांच-पड़ताल जारी है।
अभिहित अधिकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन, सर्वेश कुमार यादव ने बताया कि वर्तमान जांच में धमतरी जिले में फूटे चने के विनिर्माता नहीं पाए गए हैं, परंतु जिले में छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों से फूटे चने का आयात हो रहा है। जिला मुख्यालय एवं समस्त विकासखंड मुख्यालयों के बड़े व्यापारियों के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर फूटे चने बनाने एवं विक्रय करने वाले सभी कारोबारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की सतत निगरानी एवं जांच के दायरे में हैं। खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के प्रति सतर्क रहें तथा किसी भी संदिग्ध खाद्य पदार्थ की सूचना विभाग को तत्काल दें।
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